बिहार के जहानाबाद में 18 फरवरी को कई कौओं की मौत का कारण बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा एच5एन1) पाया गया है। जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। इस खबर के बाद अधिकारी अलर्ट पर हो गए। वहीं लोगों में दहशत का माहौल है।
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (एडीएम) बृजेश कुमार ने बताया कि कोलकाता स्थित आरडीडीएल संस्थान की जांच रिपोर्ट में मृत कौओं में एच5एन1 वायरस की पुष्टि हुई है।
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कुमार ने बात करते हुए कहा, "प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और बीमार या मृत पक्षियों से दूर रहने की सलाह दी है। पोल्ट्री फार्मों में सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। यदि और मामले सामने आते हैं, तो संक्रमण को रोकने के लिए पक्षियों को मारने का फैसला लिया जा सकता है।"
पशुपालन विभाग ने तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले पोल्ट्री फार्मों से नमूने इकट्ठा करने शुरू कर दिए हैं। इन नमूनों को आगे की जांच के लिए पटना भेजा जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि घरेलू मुर्गियों में भी संक्रमण फैला है या नहीं।
संक्रमण की पुष्टि होने के बाद जहानाबाद जिला प्रशासन ने सफाई अभियान तेज कर दिया है। प्रभावित इलाकों में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जा रहा है ताकि वायरस का फैलाव रोका जा सके।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव ने भी पुष्टि की है कि मृत कौओं में बर्ड फ्लू पाया गया है।
पुलिस लाइन परिसर में अचानक कौओं की मौत से पुलिसकर्मी और आसपास के लोग चिंतित हैं। स्थानीय लोग डर रहे हैं कि कहीं यह संक्रमण पोल्ट्री फार्मों या इंसानों तक न पहुंच जाए।
प्रशासन ने लोगों को याद दिलाया है कि बर्ड फ्लू एक संक्रामक वायरस है, जो पक्षियों से इंसानों तक फैल सकता है। सरकार पोल्ट्री फार्मों की निगरानी बढ़ा रही है और पूरे क्षेत्र में सतर्कता बरती जा रही है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि संक्रमण को रोकने और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बर्ड फ्लू के प्रकोप से पोल्ट्री किसानों और स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है, और प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
--आईएएनएस
एएस/
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