बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने निरीक्षण के नाम पर ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा कथित उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ आज से 3 दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। राज्यभर की दवा दुकानें आज से तीन दिनों के लिए बंद रहेगी। इससे पहले मंगलवार को बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (बीसीडीए) और स्वास्थ्य विभाग के बीच वार्ता का प्रयास विफल हो गया था।
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बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार ने बताया की 3 दिनों की हड़ताल में केवल सरकारी अस्पतालों और बड़े नर्सिंग होम में ही दवा की आपूर्ति की जाएगी। एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार का फैसला तुगलकी फरमान है, जिसका पालन करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। एसोसिएसन ने कहा है कि हजारों दवा दुकानें पुरानी हैं, जिनका लाइसेंस पहले ही जारी हो चुका है। ऐसे में सरकार जबकि नई दुकानों के लिए फार्मासिस्ट के माध्यम से दवा बिक्री अनिवार्य कर चुकी है, तो सभी दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की बहाली की अनिवार्यता का फैसला सही नहीं है।
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दरअसल बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी 52 हजार दवा दुकानदारों को इस शर्त पर दवा बेचने की अनुमति देने का फैसला किया कि उनकी दुकान में अनिवार्य रूप से एक फार्मासिस्ट हो। लेकिन दवा दुकानदारों ने सरकार की शर्त को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि बिहार में अभी मात्र साढ़े सात हजार फार्मासिस्ट हैं, ऐसे में 52 हजार दुकानों के लिए फार्मासिस्ट की व्यवस्था कैसे हो पाएगी।
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