उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' कहने और बैनर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। उनके खिलाफ बीजेपी में ही विरोध शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेता जतैहांजैब सिरवाल ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर दिए गए बयान और उनकी पुलिस की मुस्लिम समुदाय के प्रति "प्रतिशोधपूर्ण नीति" मंजूर नहीं है।
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उत्तर प्रदेश के कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उल-नबी जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने 'आई लव मोहम्मद' के बैनर लगाए थे। इसके बाद पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया।
बरेली में एक मस्जिद के बाहर 'आई लव मोहम्मद' के समर्थन में पोस्टर लेकर जमा हुए लोगों को लेकर बवाल हुआ। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और 68 लोगों समेत एक स्थानीय मौलाना को गिरफ्तार किया।
जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेता सिरवाल ने आरोप लगाया है कि यह बैनर एक मासूम धार्मिक भाव हैं, जिस पर न FIR होनी चाहिए थी न ही गिरफ्तारी।
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सिरवाल ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार की यह नीति मोदी जी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के सिद्धांत के खिलाफ है। कानूनी कार्रवाइयां, कठोर दबाव, साम्प्रदायिक बयान, यह सब हमारे संविधान के मूल्यों का अपमान हैं।"
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी इस पर कार्रवाई नहीं करती तो मुझे अपना इस्तीफा देना होगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। सिर्फ एक समुदाय को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टरों को लेकर हुई हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्य समाज में अशांति फैलाने के लिए जानबूझकर किए गए हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग अशांति फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।"
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि "गजवा-ए-हिंद" का सपना देखने वालों को "नर्क की सवारी" मिलेगी।
योगी के बयान पर विपक्ष और समाजिक संगठनों ने तीखी टिप्पणियां की। उन्होंने कि यह धार्मिक भावनाओं को दबाने की कोशिश है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के बयान को देश को विभाजित करने वाला करार दिया।
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सीएम योगी से सवाल पूछा गया कि 'आई लव मोहम्मद' कहने में आखिर बुराई क्या है? 'आई लव मोहम्मद' के खिलाफ बनारस में 'आई लव महादेव' और उज्जैन में 'आई लव महाकाल' अभियान चलाया गया। लोगों ने पूछा कि 'आई लव मोहम्मद' कहने पोस्टर लगाने वालों पर ही सिर्फ कार्रवाई क्यों? बाकियों पर भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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