
कांग्रेस ने संसद में सरकार द्वारा दिए गए प्रश्न के उत्तर का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि जब मोदी सरकार की विफलताओं का स्मारक बनाया जाएगा, तो उसमें एक पूरा कमरा ‘पीएम इंटर्नशिप’ योजना के नाम होना चाहिए
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार की विफलताओं का जब स्मारक बनाया जाएगा, तो उसमें एक पूरा कमरा ‘पीएम इंटर्नशिप’ योजना के नाम होना चाहिए।’’
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उन्होंने कहा कि सरकार ने संसद को बताया कि पहले साल इस योजना के तहत 1.25 लाख युवाओं को इंटर्नशिप देने का लक्ष्य था, लेकिन सिर्फ 2066 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप पूरी की, यानी लक्ष्य का मात्र 1.6 प्रतिशत हासिल हुआ।
जयराम रमेश का कहना है, ‘‘इससे मोदी सरकार की अक्षमता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।’’
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कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ‘महाबेरोजगारी’ से जूझ रहे भारतीय युवाओं के लिए यह एक और झांसा साबित हुआ, जबकि इसकी शुरुआत के समय खूब शोर मचाया गया था तथा इसके विज्ञापन पर लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘यही है मोदी सरकार की शासन शैली: सिर्फ इवेंट और हेडलाइन मैनेजमेंट।’’
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार ने कांग्रेस के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में युवा न्याय के तहत प्रस्तावित ‘राइट टू अप्रेंटिसशिप’ से इस योजना की नकल तो कर ली, लेकिन उसके पास इसके कार्यान्वयन के लिए न कोई विज़न था और न ही क्षमता।’’
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