मोदी सरकार के संभावित कैबिनेट फेरबदल की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार में सिर्फ उन नेताओं को पुरस्कार दिया जाता है जो ट्विटर पर राहुल गांधी पर हमले करते हैं और ऐसे राज्यपालों को ईनाम दिया जाता है जिनके खिलाफ अनुचित व्यवहार की शिकायतें हैं।
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यों के राज्यपालों को इधर-उधर किया गया है जबकि एक कैबिनेट मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राज्यपालों की नियुक्ति और संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं के संबंध में मंगलवार यह टिप्पणी की।
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उन्होंने कहा कि, “यह बड़ी अजीब सरकार है। अगर कोई राज्यपाल अनुचित व्यवहार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे पुरस्कृत किए जाने की संभावना प्रबल हो जाती है। इसी तरह का फार्मूला मंत्रिमंडल फेरबदल में अपनाया जाता है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताओं की ट्विटर टाइमलाइन देखकर फैसला करते हैं कि किसने राहुल गांधी पर किस तरह और कब-कब हमला किया।”
पवन खेड़ा ने कहा कि जिस भी नेता ने कांग्रेस के खिलाफ जितने अधिक ट्वीट किए होंगे मंत्रिमंडल में उसे जगह मिलने की संभावना उतनी ही प्रबल है। उन्होंने कहा कि, “इस सरकार में मंत्रियों को काम करने के लिए नहीं मंत्री बनाया जाता। उन्हें मंत्रलाय काम करने के लिए नहीं दिया जाता। मंत्री बनने के लिए अलिखित एकमात्र नियम है कि जाओ राहुल गांधी पर हमला करो।”
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि, “नेताओं का प्रमोशन भी इसी सब पर निर्भर करता है।” उन्होंने सवाल पूछा कि क्या किसी ऐसे राज्यपाल को बदला गया है जिसके खिलाफ अनुचित व्यवहार के आरोप थे। उन्होंने इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल और राजस्थान के राज्यपालों के साथ लक्षद्वीप के प्रशासक का नाम भी लिया। उन्होंने कहा कि “पश्चिम बंगाल के राज्यपाल कई किस्म के असंवैधानिक व्यवहार करते हुए दिखे हैं। क्या उन्हें बदला गया? इसी तरह राजस्थान के राज्यपाल अपनी आत्मकथा राजस्थान में विश्वविद्यालय के उपकुलपति के बेचते पाए गए, क्या उन्हें बदला गया। इसी तरह लक्षद्वीप के प्रशासक पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं, क्या उन्हें बदला गया?”
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इस बीच चर्चा है कि मोदी सरकार में बुधवार को मंत्रिमंडल फेरबदल होगा। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रिमंडल में इस बार बड़ी संख्या में ओबीसी और अनुसूचित जाति के लोगों को शामिल किया जाएगा। साथ ही प्रोफेशनल और डिग्रीधारियों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल फेरबदल में ओबीसी और असूचित जाति से 15 से 20 सदस्यों को जगह मिल सकती है। साथ ही महिलाओं और प्रोफेशनल को भी जगह मिलने की संभावना है।
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