देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की बागडोर एक बार सोनिया गांधी के हाथों में सौंपी गई है। पार्टी का नया अध्यक्ष तय करने के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की मैराथन बैठक के बाद सभी पांच जोन की समितियों ने सर्वसम्मति से पार्टी की कमान अंतरिम रूप से सोनिया गांधी के हाथों में सौंपने का फैसला लिया। कार्यसमिति ने ऐलान किया है कि नए अध्यक्ष का चुनाव होने तक सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 5 जोन के आधार पर ली गई राय में सोनिया गांधी का नाम ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सामने आया। जब सोनिया गांधी के सामने इस राय के रखा गया तो उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया। लेकिन आखिरकरा नेताओं के बहुत अधिक आग्रह करने पर उन्होंने अंतरिम रूप से यह जिम्मेदारी संभालने की स्वीकृति दी।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति की दूसरी बैठक में सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किए गए। पहले प्रस्ताव में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी के काम की प्रशंसा की गई।
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कार्यसमिति ने जो तीन प्रस्ताव पास किए, उसमें कहा गया है:
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बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया को बताया कि बैठक में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने के लिए चल रही बैठक के बीच में जम्मू कश्मीर के कुछ इलाकों में हिंसा होने और कुछ लोगों की मौत की ख़बरें आईं जिसके बाद उन्हें वहां बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि "जम्मू कश्मीर में हालात काफी ख़राब हो गए हैं जिसके बाद बैठक में जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई। ज़रूरी है कि सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ प्रधानमंत्री और सरकार देश को बताएं कि जम्मू कश्मीर में क्या हालात हैं।"
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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शनिवार रात 8 बजे एक बार फिर शुरु हुई। इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और एके एंटनी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे थे। उनका काफी देर इंतजार किया गया, फिर उन्हें इस बैठक में बुलाया गया।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में पहुंचकर राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं। कुछ खबरों में कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा की बात कही जा रही है, यह बेहद चिंताजनक है, सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या गलत हो रहा है।
इसके बाद कार्यसमिति की बैठक रोक दी गई और कश्मीर के हालात पर चर्चा के बाद मांग की गई कि जम्मू-कश्मीर के बारे में प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को पारदर्शिता के साथ देश को यह बताना चाहिए कि क्या हो रहा है।
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इससे पहले शनिवार सुबह करीब 11 बजे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम और अहमद पटेल जैसे नेताओं की बैठक कांग्रेस मुख्यालय में हुई। इस बैठक में कांग्रेस कार्यसमिति ने तय किया कि वो पूरे देश के कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा करेगी, जिन्हें 5 जोन में बांटा गया।
उत्तर पूर्वी जोन में अहमद पटेल, अंबिका सोनी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्वी जोन में केसी वेणुगोपाल, तरुण गोगोई और कुमारी शैलजा, उत्तरी जोन में प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पी चिदंबरम, पश्चिमी जोन में गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और मोतीलाल वोहरा और दक्षिणी जोन में मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक शामिल थे।
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