
असम के सिलचर में 15 सितंबर को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के तीसरे वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र कोज बुकर के पिता ने बेटे की मौत के लिए संस्थान के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी दी है। कथित तौर पर आत्महत्या करने वाला छात्र अरुणाचल प्रदेश के जीरो का रहने वाला था।
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उनके व्यवसायी पिता ने कहा कि वह गुरुवार को जीरो में एनआईटी अधिकारियों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।
उन्होंने कहा, "मैंने 16 सितंबर को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से अपने बेटे का शव उठाया और एक शांतिपूर्ण अंतिम संस्कार की योजना बनाना चाहता था, लेकिन मैं हमेशा सोचता हूं कि मेरे बेटे ने खुदकुशी क्यों की। यह प्राथमिकी कारण की मेरी खोज की तरफ पहला कदम होगा।''
पिता ने पूछा, “अगर प्रोफेसर और संस्थान के निदेशक निर्दोष हैं, तो वे पकड़े जाने से क्यों बच रहे हैं? यदि आपने कुछ गलत नहीं किया है तो आप आकर जांच में शामिल क्यों नहीं होते?”
पिता ने कहा कि उन्हें अभी तक अपने बेटे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है और वह इस सप्ताह सिलचर एनआईटी जायेंगे।
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एनआईटी अधिकारियों के मुताबिक, लड़का पहले सेमेस्टर में सात विषयों में फेल हो गया।एनआईटी सिलचर के रजिस्ट्रार केएल बैष्णब ने कहा, “वह अपने पहले दो वर्षों में 14 पेपरों में असफल रहा। इसलिए, हमने उसे पांचवें सेमेस्टर में जाने से पहले तैयारी करने की सलाह दी। कोई उत्पीड़न नहीं हुआ।”
पिता ने स्वीकार किया कि उन्हें बैकलॉग के बारे में पता है और उन्होंने अपने बेटे से पहले उस पर ध्यान देने के लिए भी कहा था। उन्होंने कहा, "हमारी ओर से कोई दबाव नहीं था। मैंने उसे बताया था कि यदि आवश्यक हुआ तो वह डिग्री पूरी करने के लिए पांच या छह साल भी ले सकता है।"
इस बीच, कोज बुकर की अप्राकृतिक मौत के बाद एनआईटी, सिलचर में दो हजार से अधिक इंजीनियरिंग छात्र सोमवार से भूख हड़ताल पर हैं और संस्थान के डीन एकेडमिक्स के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
छात्र 15 सितंबर को संस्थान के छात्रावास-7 में मृत पाए गए छात्र को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में शैक्षणिक डीन प्रोफेसर बी.के. रॉय के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोमवार को छात्रों ने कैंपस में भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को एक पत्र सौंपा, जिसमें उनकी मांगों और एनआईटी सिलचर की वर्तमान स्थिति को रेखांकित किया गया।
छात्रों ने लिखा, "डीन एकेडमिक्स अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही छात्रों को परेशान कर रहे हैं। प्रोफेसर रॉय के लगातार दबाव के कारण कोज बुकर ने आत्महत्या कर ली। अगर कॉलेज की यही हालत रही तो हम नहीं जानते कि और कितने आत्महत्या के ऐसे मामले सामने आएंगे।”
उन्होंने प्रधानमंत्री, असम के राज्यपाल और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।
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