नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले एक साल में एयर इंडिया को नोटिस भेजे हैं। ये नोटिस क्रू (विमान कर्मचारियों) की थकान प्रबंधन और ट्रेनिंग से जुड़ी सुरक्षा मानकों के उल्लंघन से संबंधित हैं। एयर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वह तय समय सीमा के भीतर इन नोटिसों का जवाब देगी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा भेजे गए नोटिसों में एयर इंडिया की आलोचना की गई है। एयरलाइन ने खुद ही ये समस्याएं रिपोर्ट की थीं।
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नोटिस में कहा गया है कि एयर इंडिया बार-बार सुरक्षा नियमों का पालन करने में असफल रहा है और इस कारण उस पर कार्रवाई हो सकती है। एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसने पिछले एक साल में की गई कुछ स्वैच्छिक जानकारी से जुड़े नियामक के नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि की है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, "हम इन नोटिसों का जवाब तय समय सीमा के भीतर देंगे। हम अपने क्रू और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"
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इन नोटिसों में एयर इंडिया से कहा गया कि वह पायलटों को अनिवार्य आराम न देने और सिम्युलेटर प्रशिक्षण आवश्यकताओं के खराब अनुपालन जैसे मुद्दों पर ध्यान दे। एक नोटिस के अनुसार, पहले दी गई चेतावनियों और कार्रवाइयों के बावजूद 'अनुपालन निगरानी, क्रू योजना और प्रशिक्षण प्रबंधन' से संबंधित व्यवस्थित समस्याएं अनसुलझी हैं।
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पिछले हफ्ते डीजीसीए ने एयरलाइंस को अपने बोइंग विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच के लॉकिंग तंत्र की जांच करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश पिछले महीने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया बोइंग ड्रीमलाइनर हादसे की प्रारंभिक जांच के बाद आया, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान के दोनों इंजन टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद बंद हो गए थे, क्योंकि ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी।
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डीजीसीए के निर्देश के अनुपालन के बाद एयर इंडिया ने कहा कि उसने अपने सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (एफसीएस) लॉकिंग तंत्र की सावधानीपूर्वक जांच पूरी कर ली है। एयरलाइन ने बताया कि डीजीसीए के सुरक्षा निर्देशों के अनुसार की गई इन जांचों में विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच में कोई समस्या नहीं पाई गई।
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