
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में 82 वर्षीय एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उसके परिवार का आरोप है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया से संबंधित भय ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
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मृत व्यक्ति की पहचान, पारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चौतला गांव के निवासी दुर्जन मांझी के रूप में हुई है। परिवार के सदस्यों के अनुसार, मांझी ने एसआईआर प्रक्रिया के तहत अपना गणना प्रपत्र जमा किया था, लेकिन बाद में उसे समीक्षा प्रक्रिया के तहत सुनवाई के लिए पेश होने को कहा गया।
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मांझी के परिवार ने आरोप लगाया कि नोटिस मिलने के बाद से वह गंभीर मानसिक तनाव में था। परिवार के एक सदस्य ने दावा किया, "वह बेहद चिंतित था और पिछले दो दिनों से ठीक से खाना नहीं खा रहा था।" पुलिस ने बताया कि मांझी सोमवार सुबह अपने घर से निकला था और बाद में अदरा-संतालडीह खंड पर रेल की पटरी पर मृत पाया गया।
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इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता पीड़िता के घर पहुंचे। तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष मनोज साहा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दावा किया कि निर्वाचन आयोग के गलत फैसलों के कारण लोग भय में जी रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। निर्वाचन आयोग को इस मौत की जिम्मेदारी लेनी होगी।"
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