हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि मुझे लगता है कि हरियाणा सरकार मजबूत हो रही है। जहां तक किसानों की बात है, हर मुद्दे पर चर्चा की गई। उम्मीद है, सर्वोच्च न्यायालय इसका समाधान करेगा।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को मानने से इनकार कर दिया है। संगठन ने कहा कि इसका हमने कल ही विरोध कर दिया था। हम कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
सुप्रीम कोर्ट के आज के फ़ैसले पर कांग्रेस मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चिंता ज़ाहिर की उसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन जो चार सदस्यीय कमेटी बनाई वो चौंकाने वाला है। ये चारों सदस्य पहले ही काले कानून के पक्ष में अपना मत दें चुके हैं। ये किसानों के साथ क्या न्याय कर पाएंगे ये सवाल है। ये चारों तो मोदी सरकार के साथ खड़े हैं। ये क्या न्याय करेंगे।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने और कमेटी गठित करने के किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया आई है। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ बातचीत करने के बाद तय करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास जाएंगे या नहीं। किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि अगर सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो इसमें 10 हजार लोग मारे जा सकते हैं।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला, “सुप्रीम कोर्ट से विनती करना चाहेंगे कि कानूनों पर रोक नहीं बल्कि कोर्ट को कानूनों को रद्द करने का फैसला करना चाहिए, क्योंकि डेढ़ महीना हो गया है सरकार इस पर कुछ सोच नहीं रही है।”
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही बातचीत के लिए कोर्ट ने एक कमेटी का गठन कर दिया है।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा ने अदालत कोबताया कि किसानों ने कहा है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। कानून को रद्द किया जाए।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम कानूनों की वैधता के बारे में चिंतित हैं और विरोध से प्रभावित नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के बारे में भी। सीजेआई ने कहा कि हम अपने पास मौजूद शक्तियों के अनुसार, समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि शक्तियों में से एक है कि हम कानून को निलंबित करें और एक समिति बनाएं।
सीजेआई ने आगे कहा, “यह समिति हमारे लिए होगी। आप सभी लोग जो इस मुद्दे को हल करने की उम्मीद कर रहे हैं। इस समिति के समक्ष जाएंगे। यह एक आदेश पारित नहीं करेगा या आपको दंडित नहीं करेगा, यह केवल हमें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। समिति इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। हम कानूनों को निलंबित करने की योजना बना रहे हैं लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं।”
किसानों के वकील एमएल शर्मा ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि किसान कह रहे हैं कि कई लोग चर्चा के लिए आए थे, लेकिन मुख्य व्यक्ति, प्रधानमंत्री नहीं आए। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को जाने के लिए नहीं कह सकते हैं, वह इस मामले में पक्षकार नहीं हैं।
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कानूनों के कार्यान्वयन को राजनीतिक जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे विधानों पर व्यक्त चिंताओं की एक गंभीर परीक्षा के रूप में देखा जाना चाहिए।
किसानों को खालिस्तानी कहने पर सीजेआई ने कहा कि हमारे सामने एक आवेदन है जो कहता है कि एक प्रतिबंधित संगठन है जो इस विरोध प्रदर्शन को मदद कर रहा है। क्या अटॉर्नी जनरल इसे स्वीकार करते हैं? इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हमने कहा है कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है।
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक कोर कमेटी की बैठक करेंगे। इसके बाद अपनी कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है।”
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है। फरीदकोट के जिला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, "उम्मीद है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी। हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए।"
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है। अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है, उनकी माग साफ है- कृषि-विरोधी कानून वापस लो, बस!”
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर से दिल्ली की ओर ट्रैक्टर रैली निकाली। एक किसान ने बताया, "हमारा हजारों ट्रैक्टरों का जत्था दिल्ली धरने में शामिल होगा और 26 जनवरी की परेड में भी शामिल होगा। हमारा जत्था 3 कानूनों को रद्द करवाकर ही वापस आएगा।"
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 48वें दिन भी जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट से तो उम्मीद है मगर सरकार से उम्मीद नहीं है, क्योंकि अगर सरकार चाहती तो यह फैसला अब तक हो गया होता।”
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच आज कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने संकेत दिए थे कि वह समाधान के लिए नए कानूनों को अमल करने पर भी रोक लगा सकती है।
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 46वें दिन भी जारी है। यहां भारतीय किसान यूनियन के राजवीर सिंह जादौन ने कहा, "हम कोर्ट से अपेक्षा करेंगे कि कानूनों को खत्म करने का आदेश दे और एमएसपी पर कानून बने।"
Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST
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Published: 12 Jan 2021, 10:04 AM IST