
कांग्रेस ने मंगलवार को बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा सम्मान की लगातार अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एनडीए की सत्ता से मुक्ति जरूरी है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार 20 साल से है। अगर आज भी मोदी जी को कहना पड़ रहा है कि बिहार में ‘‘बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं’’, तो ये उनकी खुद की स्वीकारोक्ति है कि 20 सालों में उन्होंने बिहार को सुरक्षित नहीं बनाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं और बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक है कि 70 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रस्त और 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। केवल 11 प्रतिशत शिशुओं को पर्याप्त आहार मिल पाता है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘महागठबंधन, आधी आबादी के सशक्तिकरण और आर्थिक उत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। महिलाओं को 2,500 रुपये प्रतिमाह सहायता, वृद्धों, विधवाओं, विकलांगों को 1,500-3,000 रुपये मासिक पेंशन और जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा दिया जाएगा।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘हमारे प्रण कोई चुनाव आते ही या चुनाव से पहले वोट बटोरने के लिए नहीं हैं बल्कि ये वही वादे हैं, जिन्हें हम पूरा कर पाएंगे और हम कांग्रेस शासित राज्यों में पूरा भी कर चुके हैं।’’
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार में 20 वर्षों की बीजेपी और जेडीयू सरकार में महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और सम्मान की लगातार अनदेखी हुई। प्रधानमंत्री को एक दशक तक बिहार की महिलाओं की सुध लेने की याद नहीं आई और अब चुनाव के समय वोट के लिए डिजिटल संवाद का ढोंग किया जा रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और जेडीयू शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध बेतहाशा बढ़े हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराध में 336 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनका कहना था कि पहले की तुलना में अब हर साल 20,222 अपराध हुए तथा अब तक कुल 2,80,000 महिलाएं इसका शिकार हुईं।
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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘1,17,947 मामले अभी तक अदालतों में लंबित हैं जो देश में सबसे अधिक हैं। महिलाओं के अपहरण के मामलों में 1097 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पहले हर साल अपहरण की 929 घटनाएं होती थीं लेकिन अपहरण की 10,190 की घटनाएं होती हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘महिलाओं के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ अपराध के बावजूद भाजपा-जद(यू) की सरकार महिलाओं को सुरक्षा क्यों नहीं दे पाई?’’
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कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘चुनावी हार से घबराकर सरकार अब महिलाओं के अकाउंट में 10,000 रुपये डाल रही है। मगर बिहार की लाखों बेटियां माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज़ के जाल में बुरी तरह फंसी हुई हैं। अब तक एक करोड़ 9 लाख महिलाएं कर्ज़ के जाल में फंस चुकी हैं।’’
उनके अनुसार, औसतन बकाया 30,000 रुपये प्रति महीना तक हो चुका है तथा इस वजह से ‘‘वसूली एजेंट का गुंडा राज’’, सामाजिक अपमान, पलायन, आत्महत्या तक की नौबत आ रही है।कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ‘‘माइक्रो फाइनेंस माफ़िया’’ को किसका संरक्षण मिला हुआ है?
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान, और अधिकार से कोई समझौता नहीं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एनडीए की सत्ता से मुक्ति ज़रूरी है।’’
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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में छह और 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
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