हालात

गौतम नवलखा पर आईएसआई से संपर्क का आरोप, एनआईए ने पूरक चार्जशीट में हैनी बाबू और स्वामी पर भी गंभीर दावा किया

भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में एनआईए ने आठ आरोपियों- गौतम नवलखा, हनी बाबू, आनंद तेलतुम्बड़े, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप, मिलिंद तेलतुम्बड़े और स्टेन स्वामी के खिलाफ मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें गंभीर आरोप हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को अपने पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह दावा किया है कि सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में थे और उन्हें सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था।

पूरक चार्जशीट में एनआईए ने यह भी दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू नक्सली क्षेत्रों में विदेशी मीडिया की यात्राओं के आयोजन में सहायक थे और उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एनआईए ने इस साल 28 जुलाई को बाबू को नोएडा स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि नवलखा को 14 अप्रैल को आनंद तेलतुम्बड़े के साथ गिरफ्तार किया गया था।

Published: undefined

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एनआईए ने आठ आरोपियों- गौतम नवलखा, हनी बाबू, आनंद तेलतुम्बड़े, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप, मिलिंद तेलतुम्बड़े और स्टेन स्वामी के खिलाफ मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया। इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका और भागीदारी को लेकर एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि उनके सीपीआई (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था। एनआईए ने कहा, "नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें सीपीआई (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था। साथ ही आईएसआई के साथ भी उनके संबंध सामने आए हैं।"

Published: undefined

एनआईए ने यह भी कहा कि हनी बाबू सीपीआई (माओवादी) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में विदेशी पत्रकारों की यात्राओं के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और उसे रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के वर्तमान और भविष्य के कार्य सौंपे गए थे। एनआईए का दावा है कि बाबू मणिपुर की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन- कुंगलपाक कंगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के संपर्क में था और अभियुक्त जी. एन. साईबा सीपीआई (माओवादी) के निर्देशों पर चल रहा था और उसी के लिए धन जुटा रहा था।

गुरुवार रात रांची से गिरफ्तार किये गए और शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत के समक्ष पेश किये गए स्वामी की भूमिका का हवाला देते हुए एनआईए ने कहा है कि वह एक सीपीआई (माओवादी) कैडर है और उसकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। आरोप पत्र में कहा गया है कि स्वामी अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों के साथ संचार में थे। एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी ने अपनी गतिविधियों के लिए अन्य माओवादी कैडरों से धन प्राप्त किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह सीपीआई (माओवादी) के फ्रंटल संगठन पीपीएससी का संयोजक है।

Published: undefined

एनआईए ने ने कहा है कि "भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए संचार से संबंधित दस्तावेजों और प्रचार सामग्री को जब्त कर लिया गया है।" आरोपपत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि आनंद तेलतुम्बड़े, नवलखा, बाबू, गोरखे, गाइचोर, जगताप और स्वामी ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर भाकपा (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाया और कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असहमति पैदा करते हुए विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति और समुदाय को लेकर दुश्मनी को बढ़ावा दिया। इस मामले में एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामला दर्ज किया था।

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिए गए थे। पुणे पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को एक आरोप पत्र और एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। बाद में केंद्र सरकार ने इस मामले को एनआईए के हवाले कर दिया था।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined