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100 फीसदी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर सरकार की सफाई, पीएम ने माना, 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं

कांग्रेस के मुताबिक, यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हर साल 12,030 गांवों का औसतन विद्युतीकरण किया गया, जबकि मोदी सरकार ने सालाना तौर पर 4,842 का ही विद्युतीकरण किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया पीएम ने माना, 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं

देश के 100 फीसदी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर सरकार ने सफाई दी है। पीएम ने भी माना है कि 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अप्रैल को दावा किया था कि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत की विकास यात्रा में 28 अप्रैल 2018 एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। कल हमने एक वादा पूरा किया, जिससे कई भारतीयों का जीवन हमेशा के लिए बदल जाएगा। मुझे इस बात की खुशी है कि भारत के हर गांव में बिजली पहुंच गई है।”

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सिर्फ वे ही नहीं, उनके कई मंत्री भी इस बात को लेकर अत्यधिक उत्साह से भरे नजर आए। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने तो अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तस्वीरें तक इस दावे के पक्ष में ट्वीट कर दीं, जिसका शनिवार से पहले और उसके बाद भारत के गांवों के विद्युतीकरण से कोई लेना-देना नहीं था।

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लेकिन जब मीडिया और विपक्ष ने इस दावे की पोल खोल दी तो केंद्र सरकार को सफाई जारी करनी पड़ी। मंत्रालय की ओर से सोमवार की शाम को जारी स्पष्टीकरण में बताया गया कि किसी गांव को विद्युतीकृत घोषित करने के लिए 10 फीसदी घरों में बिजली होना ही जरूरी होता है। सरकार ने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों के 80 फीसदी से ज्यादा घरों में बिजली पहुंची है। आज प्रधानमंत्री ने भी कर्नाटक की अपनी रैली में 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं होने की बात स्वीकार कर ली है।

ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन गांवों तक हाल में बिजली पहुंची है उनमें सिर्फ 8 फीसदी घरों में ही बिजली है। रिपोर्ट कहती है, “ग्रामीण भारत के इतने बड़े हिस्से में बिजली नहीं होने से आर्थिक विकास, बुनियादी स्वास्थ्य और शिक्षा पर नकारात्मक असर हो सकता है।

रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों का इस्तेमाल कर कहा गया है कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में बिजली की जरूरत वाले जिन 3 करोड़ 68 लाख घरों की पहचान की थी उनमें सिर्फ 13 फीसदी तक ही बिजली पहुंच सकी है। सरकार को समयसीमा पर इस काम को पूरा करने के लिए हर महीने तीन गुना ज्यादा औसत से काम करना पड़ेगा।

दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि यूपीए सरकार के दो कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच 1,08,280 गांवों में बिजली जोड़ी गई और 2 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाई गई, जिनमें 1 करोड़ 90 लाख घरों को मुफ्त बिजली दी गई। कांग्रेस का दावा है कि सिर्फ 18, 452 गांवों तक ही बिजली पहुंचाना बाकी रह गया था जो यूपीए द्वारा किए गए काम का सिर्फ 5 फीसदी था। यूपीए ने हर साल 12,030 गांवों का औसतन विद्युतीकरण किया, जबकि मोदी सरकार ने सालाना तौर पर 4,842 का ही विद्युतीकरण किया है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार के नए दावे को एक और झूठ करार दिया है।

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