
कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड का विवरण देने के लिए समय बढ़ाने की भारतीय स्टेट बैंक की मांग को हास्यास्पद करार देते हुए दावा किया कि सरकार को इस बात का डर है कि उसके सारे राज खुल जाएंगे।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय एक बार फिर से भारतीय लोकतंत्र को सरकार की "साजिशों '' से बचाने के लिए सामने आया है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि मामला बड़े भ्रष्टाचार का है तथा यह सरकार एवं उसके कॉरपोरेट मित्रों के बीच की सांठगांठ को भी उजागर करता है।
उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने का अनुरोध करने वाली भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका सोमवार को खारिज कर दी और उसे 12 मार्च को कामकाजी घंटे समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड संबंधी विवरण उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
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पीठ ने एसबीआई से पूछा कि उसने चुनावी बॉण्ड योजना को पिछले महीने रद्द किए जाने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉण्ड संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं।
वेणुगोपाल ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "उच्चतम न्यायालय एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र को इस शासन की कुटिल साजिशों से बचाने के लिए आगे आया है।"
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उन्होंने दावा किया, "एसबीआई द्वारा एक दिन के साधारण से काम के लिए समय बढ़ाने की मांग करना हास्यास्पद था। सच तो यह है कि सरकार को डर है कि उनके सारे राज़ सामने आ जायेंगे।"
वेणुगोपाल का कहना था, "उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रमाणित यह 'महाभ्रष्टाचार' का मामला, भाजपा और उसके भ्रष्ट कॉरपोरेट मित्रों के बीच अपवित्र सांठगांठ को उजागर करेगा।"
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "जो सत्ता में आए थे स्विस बैंकों के खातों को सार्वजनिक करने की बातें करके वो आज एसबीआई तक के आंकड़ों को सार्वजनिक करने में थर-थर कांप रहे हैं।
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