जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत इस्तीफा दिया। उनके इस्तीफे के बाद विपक्षी सांसद सवाल उठा रहे हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी मंगलवार को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल खड़ा किया।
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पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, "जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जो चर्चा हो रही है, उसके पीछे का तात्पर्य कुछ और है। संसद में रहते हुए जगदीप धनखड़ के साथ समय व्यतीत किया है। उनका स्वभाव सरल और विनम्र था। आज सिर्फ स्वास्थ्य कारण उनके इस्तीफे की वजह नहीं है, बल्कि जो बातें चल रही हैं, उसमें बिहार की राजनीति तक उनके इस्तीफे की वजह मानी जा रही है।"
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हरीश रावत ने कहा, "जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने पूरे देश को आश्चर्य में डाल दिया। दिनभर वो काम करते हैं, शाम तक विपक्ष के सांसदों के साथ अगले दिन की कार्यवाही के लिए मीटिंग करते हैं, लेकिन उसके बाद धनखड़ इस्तीफा देते हैं। उपराष्ट्रपति के इस्तीफा देने के समय ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया।"
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भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। 16 जुलाई 2022 को बीजेपी ने एनडीए की ओर से धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को बड़े अंतर से हराया था। यह 1992 के बाद सबसे बड़ा जीत का अंतर था। उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और यह पद ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता।
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