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खरीद-फरोख्त, ED-CBI या फिर अध्यादेश, BJP इन तीन तरीकों से विपक्षी सरकारों की शक्तियां छीन रही हैः केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। केजरीवाल ने कहा कि जब संसद में इस अध्यादेश का बिल आएगा तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना इसके खिलाफ दिल्लीवालों का समर्थन करेगी।

केजरीवाल ने आज कहा कि बीजेपी तीन तरीकों से विपक्षी सरकारों की शक्तियां छीन रही है
केजरीवाल ने आज कहा कि बीजेपी तीन तरीकों से विपक्षी सरकारों की शक्तियां छीन रही है फोटोः IANS

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि बीजेपी तीन तरह से गैर बीजेपी शासित राज्य सरकारों की शक्तियां छीन रही है। अगर किसी राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बनती है तो ये उसके विधायकों को खरीद कर सरकार गिरा देंगे या विधायकों को ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर उनकी सरकार को गिरा देंगे या फिर अध्यादेश लाकर विपक्षी दलों की सरकार की शक्तियां छीन लेंगे। यही काम बीजेपी ने दिल्ली में किया।

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बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने दिल्ली में दो-तीन बार ऑपरेशन लोटस किया और आप के विधायकों को खरीदने की कोशिश की, लेकिन एक भी विधायक नहीं बिका। जब बीजेपी ने देखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं गिर रही है तो इन्होंने अध्यादेश लाकर सारी शक्तियां छीन लीं। इन लोगों को बहुत ज्यादा अंहकार हो गया है।

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केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में इस बार राज्यपाल ने बजट सत्र नहीं बुलाने दिया। राज्यपाल ने कहा कि पंजाब में बजट सत्र ही नहीं होगा। राज्यपाल ने बजट सत्र की मंजूरी नहीं दी। पंजाब सरकार को मात्र एक बजट सत्र कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जब पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेकर आई तब जाकर बजट सत्र कराया गया। इस तरह से तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। फिर तो देश में चुनाव ही नहीं कराने चाहिए। बस एक प्रधानमंत्री और 31 राज्यपाल बैठकर अपना देश चला लेंगे। इस तरह से तो कोई मुख्यमंत्री, मंत्री परिषद की जरूरत ही नहीं रहेगी।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। दिल्ली सरकार की शक्तियों पर केंद्र सरकार यह अध्यादेश लाई है। केजरीवाल का कहना है कि जब संसद में इस अध्यादेश का बिल आएगा तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना इसके खिलाफ दिल्लीवालों का समर्थन करेगी।

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वहीं केजरीवाल के साथ मौजूद रहे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज लोकतंत्र गंभीर खतरे में है। आज जनता द्वारा चुने हुए लोग नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा चयनित लोग जनता और सरकार को चला रहे हैं। जबकि लोकतंत्र का मतलब होता है जिन्हें जनता ने चुनकर भेजा है। मगर राज्यपाल तो केंद्र सरकार द्वारा चयनित हैं। राज्यपाल और उपराज्यपाल को जनता ने नहीं चुना है और न ही उन्होंने जनता का वोट लिया है। उन्हें तो केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी से चयनित कर चुनी हुई सरकारों को तंग करने के लिए भेजा है। पंजाब में राज्यपाल इस बात से मुकर गए कि वे बजट सत्र में मेरी सरकार शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हमें सुप्रीम कोर्ट में जाकर इसके लिए आदेश लेना पड़ा। देशभर के राजभवन आज बीजेपी मुख्यालय बन गए हैं और राज्यपाल इनके स्टार प्रचारक बन गए हैं।

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