मिस्र की स्वेज नहर में 23 मार्च से फंसा एक विशालकाय मालवाहक जहाज आखिरकार बाहर निकल गया है और अब यह धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला है। समुद्री सेवा प्रदाता इंचस्केप शिपिंग ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। पनामा के ध्वज वाला 'एवर गिवेन' धूल भरी आंधी के कारण अपनी राह से भटक गया था और स्वेज नहर में फंस गया था। इसके बाद से फंसे हुए 400 मीटर लंबे और 59 मीटर चौड़े विशालकाय जहाज को निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा था।
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इंचस्केप शिपिंग ने ट्वीट किया, "एमवी एवर गिवेन सुबह 4.30 बजे सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। फिलहाल उसे सुरक्षित किया जा रहा है।" सेवा प्रदाता ने बताया कि रविवार रात को तेज ज्वार आने की वजह से इस जहाज को निकालने में मदद मिली। इससे पहले मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने फंसे हुए जहाज को निकालने के उद्देश्य से कंटेनर पर लदे माल को उतार कर इसका भार कम करने की संभावना तलाशने का आदेश दिया था।
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ऑनलाइन फुटेज में जहाज को फिर से उसके मार्ग पर लाने के प्रयास करते दिखाया गया है।
एससीए के प्रमुख ओसामा राबे ने सोमवार को कहा कि फंसे हुए मालवाहक जहाज को निकालने के लिए दस विशालकाय टग नावें भी लगी हुई थीं जो उसे खींच रही थीं। ड्रेजर और टग नाव बड़े पैमाने पर 400 मीटर लंबे जहाज को निकालने के लिए काम कर रहे थे।
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वहीं, इस जहाज के फंसने से नहर में जाम लगने की वजह से आपूर्ति सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गई थीं, जिसका असर वैश्विक बाजारों में दिखने लगा था। नहर प्राधिकरण के अनुसार, लगभग 370 जहाज नहर के दोनों ओर से गुजरने के इंतजार में लगे हुए थे, जिनमें 25 तेल के टैंकर भी शामिल हैं। फाइनेंशियल न्यूज वायर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इंतजार में खड़ी जहाजों की संख्या 450 भी हो सकती है।
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स्वेज नहर, जो भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है, एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा शिपिंग मार्ग है। एससीए के प्रमुख के अनुसार, एवर गिवेन के फंस जाने के कारण जो रुकावट उत्पन्न हुई, उससे नहर ऑपरेटरों को प्रति दिन 13 से 14 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा था। पिछले वर्ष इस नहर से कम से कम 18,840 जहाज गुजरे थे। स्वेज नहर मिस्र की आय के मुख्य स्रोतों में से एक है। पिछले साल जलमार्ग से राजस्व 5.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
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