समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है। अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, "अगर पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रैली करने के लिए कोरोना नहीं है, तो संसद सत्र चलाने के लिए दिल्ली में क्यों है। संसद में किसानों के पक्ष में जन प्रतिनिधियों के आक्रोश से बचने के लिए बीजेपी सरकार कोरोना का बहाना बना रही है। बीजेपी संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है।"
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उन्होंने आगे लिखा कि, "बीजेपी सरकार लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही है। वह विपक्ष के विरोध के खिलाफ बड़ा षडयंत्र कर रही है। बीजेपी का संविधान, लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर विश्वास है तो उसे लोकसभा एवं विधानसभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोजगारी, महंगाई, प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अव्यवस्था, अवरुद्घ विकास, महिला सुरक्षा और किसानों के रुके हुए कामों पर तुरंत चर्चा करानी चाहिए।"
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अखिलेश ने कहा कि, "कृषि-कानून बनाने से पहले किसानों के कानों को खबर तक न होने दी, अब 'किसान सम्मेलन' करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं। सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है। ये कृषि-कानून नहीं भाजपा का शिकंजा है।"
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