
कांग्रेस ने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भूटान दौरे के बीच मंगलवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 67 साल पहले हुई इस पड़ोसी देश की यात्रा का उल्लेख किया और कहा कि यह दोनों देशों के विशेष संबंधों की दिशा तय करने वाली यात्रा थी।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "प्रधानमंत्री आज भूटान में हैं। 67 साल पहले, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ने भूटान की सबसे असाधारण यात्रा की थी। इंदिरा गांधी और जगत मेहता, नारी रुस्तमजी और आपा पंत जैसे कुछ अधिकारियों के साथ, नेहरू ने पहले बागडोगरा के लिए उड़ान भरी और फिर गंगटोक से नाथू ला तक उस सड़क पर चले जो अभी-अभी बनी थी। "
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उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल 23 सितंबर, 1958 को पारो पहुंचने के लिए पचास किलोमीटर की दूरी तय कर पांच दिनों तक चला तथा उस समय वहां की ऊंचाई 15,500 फुट थी।
उन्होंने कहा कि नेहरू और उनकी टीम ने पारो में कई आधिकारिक बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पांच दिन बिताए।
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रमेश का कहना है, "इसके बाद वे उसी रास्ते से वापस नाथू ला की ओर चल पड़े, जिस रास्ते से वे पारो तक पहुंचे थे।"
उन्होंने कहा, "करीब 69 साल की उम्र में एक प्रधानमंत्री की अत्यंत कठिन परिस्थितियों में यह असाधारण यात्रा, भूटान और भारत के बीच लगभग सात दशकों से चले आ रहे विशेष संबंधों की दिशा तय करने के लिए थी। मेहता, रुस्तमजी और पंत सभी ने उस यात्रा के आनंददायक विवरण छोड़े हैं जिसने राजनयिक इतिहास रचा है।"
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