
इंडिगो एयरलाइंस ने पिछले चार दिनों से चल रहे ऑपरेशनल संकट के बाद शनिवार को दावा किया कि उसके 95% रूट पर उड़ानें शुरू हो चुकी हैं और 138 में से 135 डेस्टिनेशन के लिए फ्लाइट रवाना हो गईं। साथ ही इंडिगो ने कहा कि पिछले दिनों जिन यात्रियों की फ्लाइट रद्द हुई उन्हें रविवार रात 8 बजे तक रिफंड मिल जाएगा। हालांकि, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को भी देश भर में इंडिगो की 800 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं। एयरलाइंस रोजाना 2300 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती है।
इससे पहले इंडिगो संकट के कारण पिछले कई दिनों से दूसरे एयरलाइंस के किराये में बेतहाशा वृद्धि के बाद जागी केंद्र सरकार ने शनिवार को सभी एयरलाइंस के लिए हवाई किराया फिक्स कर दिया। आदेश के मुताबिक, अब 500 किमी तक हवाई सफर में अधिकतम 7500 रुपए किराया लगेगा। वहीं 500–1000 किमी तक ₹12,000, 1000–1500 किमी तक ₹15,000 और 1500 किमी से ऊपर अधिकतम ₹18,000 किराया लगेगा। हालांकि इसमें बिजनेस क्लास शामिल नहीं है।
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इंडिगो ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि वे हालात को सामान्य करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। कैंसिलेशन में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। आज 850 से भी कम फ्लाइट रद्द हुईं। यह कल की तुलना में काफी कम है। साथ ही इंडिगो ने कहा कि रद्द की गई बुकिंग का पूरा रिफंड खुद ही वापस कर दिया जाएगा। 5 से 15 दिसंबर के बीच सभी कैंसिलेशन/रिशेड्यूल रिक्वेस्ट पर पूरी तरह से छूट मिलेगी।
इससे पहले सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने इंडिगो को निर्देश दिया था कि वह रविवार रात 8 बजे तक फ्लाइट्स में रुकावट से प्रभावित यात्रियों के लिए टिकट रिफंड प्रोसेस पूरा करे। साथ ही कहा कि एयरलाइन यह पक्का करे कि फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से यात्रियों से अलग किया गया सारा सामान अगले 48 घंटों के अंदर डिलीवर हो जाए।
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो संकट के बीच कुछ एयरलाइंस की ओर से वसूले जा रहे बहुत ज्यादा हवाई किराये को गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को एक ऑफिशियल निर्देश जारी किया है जिसमें अब तय किए गए फेयर कैप्स का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। ये कैप्स तब तक लागू रहेंगे जब तक हालात पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाते। इसका मकसद मार्केट में प्राइसिंग डिसिप्लिन बनाए रखना, मुश्किल में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना और यह पक्का करना है कि सीनियर सिटिजन्स, स्टूडेंट्स और मरीजों को इस दौरान पैसे की दिक्कत न हो।
इस बीच खबर है कि इंडिगो मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पीएम मोदी को जानकारी दी है। दरअसल मंत्रालय की तरफ से पिछले दो दिनों से लगातार मीटिंग की जा रही हैं। सरकार एयरलाइन पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी में भी है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को हटाने की मांग करने की योजना बना रही है। एविएशन मंत्रालय ने आज शाम इंडिगो के अधिकारियों को बुलाया है। सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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वहीं इंडिगो संकट पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हो गई है, जिसमें इंडिगो की गड़बड़ी में तुरंत कानूनी दखल देने की मांग की गई है। याचिका में बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी को मानवीय संकट और यात्रियों के अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है। देशभर में इंडिगो की उड़ानें रद्द होने पर इंडियन एसोसिएशन काउंसिल ऑफ एविएशन के अध्यक्ष नितिन जाधव ने कहा कि इसके लिए पूरी तरह इंडिगो मैनेजमेंट जिम्मेदार है, पायलट नहीं। डीजीसीए भी उनका साथ दे रहा है। मैं डीजीसीए और इंडिगो के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग कर रहा हूं। इसके पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा है। डीजीसीए अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है।
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नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 1 नवंबर से पायलटों और बाकी क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए थे। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है। इन्हें दो चरणों में लागू किया गया। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ। वहीं, 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ। नए नियमों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर जोर दिया गया है। इस कारण इंडिगो के पास पायलट और क्रू मेंबर्स की कमी हो गई है, जिससे यह संकट खड़ा हुआ है। हालांकि, अब डीजीसीए ने एयलाइंस, खासकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी है। वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया है।
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