जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन मैदान में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकवादी हमले के बाद आज मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में अपनी सरकार के मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में भाग लिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यहां बैठक का मकसद स्पष्ट संदेश देना है कि हमारी सरकार ‘आतंकवाद की कायराना हरकतों से नहीं डरेगी।’
इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम क्लब में हुई बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर डालीं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज (मुख्यमंत्री ने) पहलगाम में मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। यह केवल एक नियमित प्रशासनिक कवायद नहीं थी, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था- हम आतंकवादियों के कायराना कृत्यों से नहीं डरते हैं।’’ मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘शांति के दुश्मन कभी भी हमारे संकल्प को प्रभावित नहीं करेंगे। जम्मू-कश्मीर दृढ़, सशक्त और निडर है।’’
Published: undefined
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं कश्मीर, विशेषकर पहलगाम के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और एक स्वर में इसके खिलाफ खड़े हुए। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और उन्हें सलाम करता हूं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उनके प्रशासन और केंद्र द्वारा पर्यटन क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं जिन्होंने पिछले सप्ताह हितधारकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी।
Published: undefined
इस सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है जब मंत्रिमंडल की बैठक सामान्य ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर या शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहर हुई। पहलगाम का चयन इस पर्यटन नगरी के निवासियों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए किया गया है, जहां 22 अप्रैल को भीषण आतंकी हमले के बाद से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
अधिकारियों ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों को यह सीधा संदेश देने की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है कि जम्मू और कश्मीर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। अब्दुल्ला ने 2009-14 के दौरान पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान उत्तरी कश्मीर के गुरेज, माछिल, तंगधार क्षेत्रों और जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों जैसे दूरदराज के इलाकों में मंत्रिमंडल की बैठकें की थीं।
Published: undefined
मंत्रिमंडल की आज की इस विशेष बैठक से तीन पहले शनिवार को अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकवादी हमले से बुरी तरह प्रभावित जम्मू-कश्मीर पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए दोहरा दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने केंद्र से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कश्मीर में बैठकें आयोजित करने और संसदीय समितियों की बैठकें वहीं आयोजित करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में यह अपील की थी। मुख्यमंत्री का मानना है कि सरकार के इन ठोस प्रयासों से लोगों का डर काफी हद तक कम होगा, सुरक्षा और विश्वास की नयी भावना पैदा होगी और अंततः कश्मीर घाटी में पर्यटन का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे जरूरी आर्थिक राहत मिलेगी और सामान्य स्थिति वापस आएगी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined