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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित, चारों सीटों पर वामदलों ने एबीवीपी को दिया झटका

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव नतीजों की खास बात ये है कि सभी पदों पर दूसरे स्थान पर बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी रही, जो साफ बताता है कि जेएनयू में एबीवीपी की पकड़ बढ़ती जा रही है और अगर वाम मोर्चे में शामिल दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा तो नतीजे उलट भी हो सकते हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है। इस साल भी चारों सीटों पर वामपंथी दलों ने बाजी मार ली है। वहीं, एबीवीपी को चुनाव परिणाम से बड़ा झटका लगा है। बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में सभी प्रमुख पदों पर वाम छात्र समूहों आईसा, एसएफआई, एआईएसएफ और डीएसएफ ने संयुक्त मोर्चे के तहत चुनाव लड़ा था।

मंगलवार देर शाम आए नतीजों के अनुसार अध्यक्ष पद पर एसएफआई की आइशी घोष, उपाध्यक्ष पद पर डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन के साकेत मून, महासचिव पद पर आईसा के सतीश चंद्र यादव जबकि एआईएसएफ के मोहम्मद दानिश संयुक्त सचिव पर निर्वाचित घोषित हुए हैं। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 सिंतबर को अपने आदेश में छात्रसंघ चुनाव नतीजों की घोषणा पर रोक लगा दी थी, लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने परिणाम घोषित करने की इजाजत दे दी थी।

Published: 17 Sep 2019, 10:57 PM IST

अध्यक्ष पद पर जीतने वाली आइशी घोष को जहां 2,313 मत मिले, वहीं एबीवीपी के मनीष जांगीड़ 1,128 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर साकेत मून को 3,365 और एबीवीपी की श्रुति अग्निहोत्री को 1,335 वोट मिले। महासचिव पद पर सतीश यादव को जहां 2518 मत मिले, वहीं 1355 वोटों के साथ एबीवीपी के सबरीश दूसरे स्थान पर रहे। वहीं संयुक्त सचिव पद पर भी एबीवीपी दूसरे स्थान पर रही। लेफ्ट के दानिश को जहां 3295 वोट मिले, वहीं एबीवीपी के सुमांता साहू को 1508 वोट मिले।

Published: 17 Sep 2019, 10:57 PM IST

आज आए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव नतीजों की खास बात ये रही कि लगभग सभी पदों पर दूसरे स्थान पर बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी रही। चुनाव परिणाम साफ बताते हैं कि जेएनयू में एबीवीपी की पकड़ बढ़ती जा रही है और अगर वाम मोर्चे में शामिल दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा तो नतीजे उलट भी हो सकते हैं।

Published: 17 Sep 2019, 10:57 PM IST

बता दें कि हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 17 सितंबर तक चुनाव परिणाम जारी करने से रोक दिया था। हाई कोर्ट ने यह आदेश दो छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया था। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जेएनयू छात्रसंघ चुनाव समिति ने काउंसलर पद के लिए उनके पर्चे को अवैध तरीके से खारिज कर दिया था।

Published: 17 Sep 2019, 10:57 PM IST

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Published: 17 Sep 2019, 10:57 PM IST