जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा लगातार बना हुआ है। अब जोशीमठ के सबसे निचले रिहायशी इलाके जेपी कॉलोनी भी भू-धंसाव के जद में आ गया है। जिसके बाद इसे ध्वस्त किए जाने का फैसला किया गया है। कॉलोनी में 30 से अधिक घर हैं जिनमें बड़ी दरारें आ गई हैं और ये बढ़ती ही जा रही हैं। खबरों के मुताबिक, कॉलोनी के नीचे से पानी बह रहा है। खतरे को देखते हुए कॉलोनी के क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने की तैयारी शुरू हो गई है।
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एक स्थानीय निवासी ने कहा कि कॉलोनी में 30 से अधिक घर हैं, उनमें से कई में बड़ी दरारें हैं, उन्होंने कहा “ऐसा लगता है कि यह दरारें बड़ी हो रही है।” इनके अलावा जिन पुलियों में दरारें आ गई हैं, उन्हें भी तोड़ दिया जाएगा। बता दें कि बीते दिनों
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सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया, आपदा प्रबंधन विभाग ने विशेषज्ञों की टीम के साथ रविवार को जोशीमठ का दौरा किया था। उन्होंने कहा, जेपी कॉलोनी में खतरे को देखते हुए असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा। सीबीआरआई की ओर से सर्वे करने के बाद असुरक्षित घरों को होटलों की तरह वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्त किया जाएगा।
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इस बीच जोशीमठ में दरार वाले घरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब इसकी संख्या 849 हो गई है। 165 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। पुरानी जो दरारें थीं उनमें 1 से 2 मिलीमीटर की बढ़ोतरी हुई है।
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