
महाराष्ट्र के सातारा जिले में पिछले सप्ताह कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली एक महिला डॉक्टर के परिवार के सदस्यों ने सरकार से मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की है।
डॉक्टर के परिवार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मामले की सुनवाई बीड की एक त्वरित अदालत में होनी चाहिए।
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डॉक्टर की एक महिला रिश्तेदार ने कहा, “हमारी मुख्यमंत्री से कुछ मांगें हैं। जल्द से जल्द एक एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए। हम बयान दर्ज कराने के लिए फलटण (जहां महिला ने आत्महत्या की थी) नहीं जाएंगे। मामले की सुनवाई बीड की एक त्वरित अदालत में होनी चाहिए। मेरी बहन पर लगाए जा रहे आरोपों की पुष्टि सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) की जांच करके की जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि महिला चिकित्सक की पहले की गईं शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया और उन शिकायतों की नए सिरे से जांच होनी चाहिए।
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एक अन्य रिश्तेदार ने गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक निलंबित पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बदाने के आत्मसमर्पण पर सवाल उठाए।
रिश्तेदार ने कहा, “पुलिस उसकी तलाश करती रही। उसने पांच टीम बनाईं और उन्हें अलग-अलग जगह भेजा। फिर मुख्यमंत्री के (फलटण) दौरे से एक दिन पहले आरोपी ने आत्मसमर्पण कैसे कर दिया? हमें लगता है कि उसने सारे सबूत नष्ट कर दिए और फिर आत्मसमर्पण कर दिया।”
मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले की रहने वाली और सातारा के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत 28 वर्षीय चिकित्सक का शव 23 अक्टूबर की रात को फलटण कस्बे के एक होटल के कमरे में फंदे से लटका मिला था।
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अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में उसने आरोप लगाया था कि उप-निरीक्षक गोपाल बदाने ने उससे कई बार बलात्कार किया तथा सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। दोनों आरोपियों को 25 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस बीच, राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को घटना के बारे में संदेश भेजा है तथा उन्होंने (गांधी) और जानकारी मांगी है।
पाटिल ने कहा, “जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और इस मामले में एक एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।”
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