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महाराष्ट्रः ‘लेडी सिंघम’ आत्महत्या मामले में शीर्ष वन अधिकारी निलंबित, शोषण का है आरोप

दीपाली चव्हाण-मोहिते के मुखर स्वभाव की वजह से लोग उन्हें लेडी सिंघम के नाम से बुलाते थे। उन्होंने कई बार पेड़ों की कटाई कर रहे तस्करों को खदेड़ा था। कुछ ही दिनों में वे इलाके में बेहद लोकप्रिय हो गईं थीं और इसी वजह से वे कुछ लोगों की नजर में खटकने लगी थीं।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

महाराष्ट्र सरकार ने 'लेडी सिंघम' के नाम से विख्यात रहीं महिला वन अधिकारी दीपाली चव्हाण-मोहिते के अमरावती में अपने घर पर आत्महत्या करने के मामले में एक शीर्ष भारतीय वन सेवा अधिकारी को निलंबित कर दिया है। वन अधिकारी दीपाली चव्हाण ने अपने सुसाइड नोट में पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमटीआर) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक एमएस रेड्डी पर शोषण के आरोप लगाए थे।

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लेडी सिंघम की आत्महत्या के बाद राज्य की राजनीति गर्मा गई है और इसी बीच महिला एवं बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और एक ज्ञापन सौंपकर मामले में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इसी के बाद आज सरकार ने उक्त अधिकारी को निलंबित कर दिया है।

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इससे पहले शुक्रवार को अमरावती पुलिस ने आईएफओएस अधिकारी बी. विनोद शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। वह नागपुर से बेंगलुरू भागने की योजना बना रहा था और बाद में राज्य सरकार ने उसे निलंबित कर दिया, क्योंकि इस घटना ने सरकार और नौकरशाही हलकों में बड़े पैमाने पर खलबली मचा दी है।

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रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आरएफओ) 28 वर्षीय चव्हाण-मोहिते, जिन्होंने अपने सरकारी क्वार्टर में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें रेड्डी पर यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। रेड्डी के अलावा शिवकुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यौन उत्पीड़न, पेशेवर यातना, वित्तीय नुकसान और मानसिक आघात जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिसके कारण महिला अफसर को पिछले महीने गर्भपात का सामना करना पड़ा।

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बता दें कि दीपाली चव्हाण-मोहिते के मुखर स्वभाव की वजह से लोग उन्हें लेडी सिंघम के नाम से बुलाते थे। वह बुलेट मोटरसाइकिल चलाती थीं और कई बार पेड़ों की कटाई कर रहे तस्करों को भी उन्होंने खदेड़ा था। कुछ ही दिनों में वे इलाके में बेहद लोकप्रिय हो गईं थीं और माना जा रहा है कि इसी वजह से वे अपने उच्चाधिकारियों की नजर में खटकने लगी थीं।

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