मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत के बाद हुई सिरप की जांच रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है जिसने कई चिंताएं बढ़ा दी हैं। जांच में पाया गया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से बहुत अधिक पाई गई है। डायएथिलीन ग्लाइकोल एक विषैला पदार्थ है, जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में गंभीर नुकसान हो सकता है।
Published: undefined
औषधि एवं खाद्य नियंत्रक दिनेश मौर्य ने बताया कि छिंदवाड़ा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में जिन सिरप और दवाओं की शिकायतें मिली थीं, उन सभी के नमूने लिए गए। इनमें से कुछ की जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि कुछ की जांच अभी भी जारी है। खासकर जिस कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बात हो रही है, वह तमिलनाडु में बनाया गया था। जांच में पाया गया है कि इस कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से बहुत अधिक है।
Published: undefined
औषधि एवं खाद्य नियंत्रक ने बताया कि सामान्य तौर पर कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 0.10 प्रतिशत तक होनी चाहिए, मगर जांच में यह मात्रा 48 प्रतिशत पाई गई है, जो कि मानक से लगभग 480 गुना ज्यादा है। डायएथिलीन ग्लाइकोल एक विषैला पदार्थ है, जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में गंभीर नुकसान हो सकता है।
Published: undefined
इस कारण कोल्ड्रिफ कफ सिरप को कंटामिनटेड घोषित कर दिया गया है और इस पर बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ के सभी प्रोडक्ट्स की बिक्री पूरी तरह से रोक दी गई है। वहीं, एक और कफ सिरप 'नेक्सट्रो डीएस' की भी जांच जारी है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने तक इस सिरप को प्रिस्क्राइब करने पर भी रोक लगा दी गई है।
Published: undefined
औषधि एवं खाद्य नियंत्रक दिनेश मौर्य ने जनता से अपील की है कि वे बिना जांच और डॉक्टर की सलाह के किसी भी कफ सिरप का सेवन न करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस मामले में जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और इस तरह के घातक उत्पादों को बाजार से हटाने के लिए कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी ताकि जनता की सेहत सुरक्षित रहे।
Published: undefined
इससे एक दिन पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत की खबरों के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई थी। केंद्र के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी कर निर्देश दिया था कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं दी जाएं। डीजीएचएस ने परामर्श में कहा कि आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है। इसमें कहा गया है कि वृद्ध लोगों के लिए, इनका उपयोग सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, गहन निगरानी, उचित खुराक का कड़ाई से पालन आदि पर आधारित होना चाहिए।
इसे भी पढ़ेंः MP में 9 बच्चों की मौत के बाद जागा केंद्र, 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने की सलाह जारी
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined