बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मुंबई के आजाद मैदान को मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों से मंगलवार दोपहर तक खाली कराने का आदेश दिया था। हालांकि मराठा आरक्षण के नेतृत्वकर्ता मनोज जरांगे ने बगावती तेवर दिखाते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपना आंदोलन पांचवें दिन जारी रखने वाले जारंगे ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और कहा कि मराठों को राज्य की राजधानी में प्रवेश करने से कोई नहीं रोक सकता।
Published: undefined
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस सरकार पर गरीबों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से आंदोलन नियमों के अनुसार किया जा रहा है, लेकिन अब तक 58 लाख लोगों का पंजीकरण होने के बावजूद ‘कुनबी’ प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि हमने नियमों का पालन करते हुए पिछले दो सालों से आंदोलन किया है। अगर सरकार गरीबों को भूल जाएगी, तो वह गरीबों के दर्द को भी भूल जाएगी। हमें न्याय पर भरोसा है। कोर्ट के आदेश पर हमने सारी गाड़ियां हटा दीं। फिर भी सरकार हमारे खिलाफ जा रही है।
Published: undefined
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने सीएम को चेतावनी देते हुए कहा, 'मैं सरकार और सीएम फडणवीस से कहना चाहता हूं कि जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम मुंबई नहीं छोड़ेंगे। राज्य के सभी मराठा प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मामले वापस लें, हम पर हमला करने वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करें और उनके खिलाफ मामला दर्ज करें। देवेंद्र फडणवीस को पुलिस के जरिए लड़कों पर लाठीचार्ज करवाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। वरना हम देवेंद्र फडणवीस को दिखा देंगे कि मराठा क्या होते हैं।' साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस पर कोर्ट में झूठे सबूत पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसके परिणाम भुगतने होंगे।
Published: undefined
वहीं मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने शहर की सड़कों पर कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और आम लोगों को हुई परेशानी के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से माफी मांगी। बता दें कि मराठा नेता मनोज जरांगे मुंबई के आजाद मैदान में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में समर्थक जुटे हुए हैं। वे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत अभी तक विफल रही है।
इसी बीच, मुंबई पुलिस ने मनोज जारंगे पाटिल को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि आंदोलन के दौरान कुछ नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके बाद पाटिल की लीगल टीम ने उनसे मुलाकात की। मुलाकात के बाद उनके वकील एडवोकेट आशीष गायकवाड़ ने कहा कि वे कोर्ट में यह साबित करेंगे कि नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। गायकवाड़ ने कहा कि लोग जारंगे का साथ दे रहे हैं और सड़कें व आंदोलन स्थल 95 फीसदी खाली हैं। उनकी टीम जारंगे का पक्ष रखने आई है, जो अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ भी हुआ, चाहे अच्छा हो या बुरा, वे दोनों पक्षों को कोर्ट के सामने रखेंगे।
(IANS के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined