राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा आईसीयू में रविवार देर रात भीषण आग लग गई, जिसमें 6 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई और 5 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के तुरंत बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
अस्पताल के इंचार्ज डॉ. जगदीश मोदी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। उन्होंने कहा, आग इतनी तेजी से फैली कि एक से दो मिनट में पूरे आईसीयू को अपनी चपेट में ले लिया। आग की वजह से अन्य वार्डों में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। कई मरीजों को तत्काल बाहर निकाला गया और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
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डॉ. मोदी ने पुष्टि की कि अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिनमें 4 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। गंभीर रूप से झुलसे हुए मरीजों का इलाज अन्य वार्डों में जारी है। डॉ. मोदी ने पुष्टि की कि अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिनमें 4 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। गंभीर रूप से झुलसे हुए मरीजों का इलाज अन्य वार्डों में जारी है।
जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि आग पर अब काबू पा लिया गया है, लेकिन ट्रॉमा आईसीयू पूरी तरह जलकर खाक हो चुका है। दमकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अस्पताल स्टाफ ने तत्काल मरीजों की मदद की और उन्हें दूसरे वार्डों में पहुंचाया,” जोसेफ ने बताया। एक दमकलकर्मी ने बताया कि आग पूरी तरह बुझाने और मरीजों को बाहर निकालने में लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय लग गया। उन्होंने कहा कि, "अंदर धुआं भर जाने से दृश्यता शून्य थी, जिससे बचाव कार्य में बड़ी दिक्कत आई।अंदर धुआं भर जाने से दृश्यता शून्य थी, जिससे बचाव कार्य में बड़ी दिक्कत आई।
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एक चश्मदीद ने दावा किया कि आग लगने के बाद अस्पताल के अंदर अफरातफरी का माहौल था, यहां तक कि कुछ स्टाफ सदस्य भी डर के मारे भागने लगे थे। वहीं, अस्पताल के लिफ्ट मैन ने बताया कि कुछ स्टाफ ने आग बुझाने में और कुछ ने मरीजों को बाहर निकालने में तत्परता दिखाई। उन्होंने कहा, “जब तक आग विकराल हुई, सभी मरीजों को बाहर निकाल लिया गया था। संभवतः धुएं की वजह से दम घुटने के कारण मौतें हुई हैं।”
घटना में अपनी मां को खोने वाले नरेंद्र ने बताया कि उनकी मां की तबीयत में सुधार हो रहा था और उन्हें दोपहर में सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जाना था। “शिफ्टिंग से पहले ही यह हादसा हो गया और मेरी मां की मौत हो गई,” उन्होंने रोते हुए कहा एक अन्य शख्स ने बताया कि उनकी भाभी दो हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं। आग लगते ही उनका भतीजा उन्हें बचाने दौड़ा, लेकिन धुएं की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। भाभी को नहीं बचा पाए, और अब मेरा भतीजा खुद सांस लेने में तकलीफ झेल रहा है,” उन्होंने दुख के साथ कहा।
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घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है, जिसकी अध्यक्षता मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के कमिश्नर इकबाल खान करेंगे।
समिति इन बिंदुओं पर जांच करेगी:
आग लगने के कारणों की पहचान
अस्पताल प्रबंधन की तत्काल प्रतिक्रिया
अग्निशमन व्यवस्था की स्थिति
मरीजों की सुरक्षा और निकासी प्रक्रिया
भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय
समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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