हालात

मोदी सरकार ने 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए, बीजेपी दे स्पष्टीकरणः खड़गे

खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधायक का हमने हमेशा समर्थन किया है। खड़गे ने कहा कि राजनीति में जिस प्रकार एससी/एसटी वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार ओबीसी वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से समान मौका मिलना चाहिए।

खड़गे का आरोप- मोदी सरकार ने 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए
खड़गे का आरोप- मोदी सरकार ने 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए फोटोः IANS

नए संसद भवन में मंगलवार को राज्यसभा का पहला कार्य दिवस रहा। नई संसद में राज्यसभा की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल) जी-20, देश की नई संसद और पुरानी संसद जैसे महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज यहां राज्यसभा के सभी सांसद साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी महिला आरक्षण बिल हमारे सामने आए तो आप सब सर्वसम्मति से उस पर निर्णय करें।

Published: undefined

इसके बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधायक का हमने हमेशा से समर्थन किया है। 2010 में राज्य सभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था। खड़गे ने कहा कि राजनीति में जिस प्रकार एससी/एसटी वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार ओबीसी वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से समान मौका मिलना चाहिए।

Published: undefined

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मोदी सरकार जो विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है। विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि यह 10 वर्षीय सेंसस और डीलिमिटेशन के बाद ही लागू किया जाएगा। खड़गे ने कहा कि इसका मतलब साफ है कि मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं। बीजेपी को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

Published: undefined

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी 'जुमलों' में से एक है। करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ यह बहुत बड़ा धोखा है। जयराम रमेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस बिल में कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन? मूल रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined