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ट्रेनों को आईसीयू-आइसोलेशन वार्ड बनाएगी मोदी सरकार, कोरोना से निपटने के लिए देश में अस्पताल तक नहीं

देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए पीड़ितों के इलाज की समस्या भी खड़ी होती जा रही है। इसके लिए सरकार ने देश में ट्रेनों की बोगियों को आईसीयू, आईसोलेशन वार्ड और क्वरैंटाइन सेंटर में बदलने का फैसला लिया है।

फोटोःसोशल मीडिया
फोटोःसोशल मीडिया 

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इसी के साथ पीड़ितों की संख्या भी पूरे देश में तेजी से बढ़ती जा रही है। अब तक देश में इस जानलेवा वायरस से 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पीड़ितों की संख्या 600 से ऊपर पहुंच चुकी है। तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए पीड़ितों के इलाज की समस्या भी खड़ी होती जा रही है। इसके लिए सरकार ने देश में ट्रेनों की बोगियों को आईसीयू, आईसोलेशन वार्ड और क्वरैंटाइन सेंटर में बदलने का फैसला लिया है।

दरअसल कोरोना महामारी के दस्तक से देश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था खुलकर सामने आ गई है। देश भर में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी, अस्पतालों की कमी, बेड, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी स्वास्थ्य उपकरण का जबर्दस्त अभाव इस संकट में खुलकर सामने आ गया है। ऐसे में हालात को काबू में करने की कोशिश में सरकार ने ट्रेनों के कोच और केबिनों को आइसोलेशन वार्ड और आईसीयू में बदलने का आदेश दिया है।

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खबरों के अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए रेल मंत्रालय को आदेश दिया है। सूत्रों के हवाले से द प्रिंट की खबर के अनुसार पीएम मोदी को इसके लिए कुछ हफ्ते पहले ही विचार दिया गया था। हालांकि, उन्होंने देश में कोरोना के जबर्दस्त प्रसार के बाद अब इसे मंजूरी दी है, ताकि जब हालात और बिगड़ें तो देश के दूर-दराज इलाकों में भी कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाईं जा सकें।

ट्रेन के कोचों को कोरोना से मुकाबले के लिए तैयार करने के पीछे एक वजह यह बताई जा रही है कि देश का अधिकतर क्षेत्र रेलवे से जुड़ा है। ऐसे में दूर-दराज के इलाकों में महामारी फैलने पर आईसीयू और आईसोलेशन वार्ड बनाई गई ट्रेनों को वहां तक ले जाकर आपातकालीन अस्पताल की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। इससे मरीज के बेहद करीब इलाज पहुंच सकता है।

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खबरों के मुताबिक इस योजना के लिए केरल के कोच्ची आधारित एक फर्म ने पीएम मोदी को प्रस्ताव भेजा है। फर्म ने कहा है कि वह ट्रेन के डिब्बों को अस्पताल की तरह डिजाइन कर देगी। फर्म के निदेशक ने पीएमओ को लिखे पत्र में कहा है कि देश में करीब 12,167 ट्रेनें हैं, जिनमें प्रत्येक में लगभग 23-30 बोगियां होती हैं, जिन्हें हम आसानी से मोबाइल हॉस्पिटल में बदल सकते हैं। हर ट्रेन में करीब 1000 बेड की व्यवस्था हो सकती है। इनमें आईसीयू से लेकर मेडिकल स्टोर की भी व्यवस्था होगी। इनमें देश के 7500 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों के जरिये मरीजों को भर्ती कराया जा सकता है।

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गौरतलब है कि कोरोना वायरस के फैलने को लेकर अब तक लापरवाह रही मोदी सरकार अब तरह-तरह के कदम उठाकर इसे रोकने में जुटी है। इसी के तहत पीएम मोदी ने मंगलवार (24 मार्च) की रात से पूरे देश में लॉकडाउन का आदेश दिया है। इसी के साथ पूरे देश में सड़क, रेल और हवाई यातायात रुक गया है। रेलवे ने सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को 14 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया है। हालांकि, मालगाड़ियों को इस लॉकडाउन से छूट दी गई है, ताकि जरूरी सामान अपने गंतव्य तक पहुंच सके।

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