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मोदी सरकार के GST कानून और इसे लागू करने के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया- कांग्रेस

चिदंबरम ने कहा कि यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यकारी निर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पिछले पांच साल में सरकार ने 869 अधिसूचनाएं, 143 परिपत्र और 38 आदेश जारी किये। यह एक ऐसी जीएसटी है, जो त्रुटिपूर्ण और पूर्णतया अस्थाई है।

फोटोः विपिन
फोटोः विपिन 

कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के पांच वर्ष पूरे होने पर जश्न मना रही मोदी सरकार को आईना दिखाते हुए आरोप लगाया कि जीएसटी कानून और इसके क्रियान्वयन के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सरकार से जीएसटी कानून पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद में भी इस पर चर्चा कराने की मांग की है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस इस जीएसटी को खारिज करती है और वह मौजूदा जीएसटी की जगह 'जीएसटी 2.0' को प्रतिस्थापित करने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा, "आज जीएसटी अपना 5वां जन्मदिन मना रहा है। वास्तव में इसमें जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है। जीएसटी में कुछ जन्मजात त्रुटियां थीं और पिछले पांच वर्षों में ये त्रुटियां बदतर हो गई हैं और इसके कारण इसने अपने संपर्क क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को गंभीर आघात पहुंचाया है।"

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चिदंबरम ने दावा किया कि इसने वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करने वाले आम लोगों, जो ज़्यादा टैक्स की मार झेल रहे हैं, उन्हें अपने बोझ तले दबा दिया है। यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यकारी दिशानिर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पिछले पांच साल में सरकार ने 869 अधिसूचनाएं, 143 परिपत्र और 38 आदेश जारी किए हैं। यह एक ऐसी जीएसटी है, जो त्रुटिपूर्ण और पूर्णतया अस्थाई है।"

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उन्होंने दावा किया कि जीएसटी के संदर्भ में राज्यों के साथ विश्वासघात किया गया है। चिदंबरम ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद निष्क्रिय है और राज्यों के वित्त मंत्री इससे नाखुश हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस पर (जीएसटी कानून पर) संसद में चर्चा कराई जाए और सर्वदलीय बैठक बुलाकर भी चर्चा की जाए।

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