मानसून के पहुंचने के साथ ही उत्तराखंड में भारी वर्षा का दौर शुरू हो गया है। इससे मैदानी क्षेत्रों को जहां भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में परेशानियों का पहाड़ खड़ा होने लगा है।
मानसून की दस्तक के चंद घंटे के भीतर ही भूस्खलन समेत अन्य कारणों से प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक मार्ग अवरुद्ध हो गए। इनमें बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे भी शामिल हैं। इससे बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री भी घंटों तक फंसे रहे।
मौसम विभाग के अनुसार आज भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। इसको देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में दो दिन से हो रही वर्षा के कारण जनजीवन प्रभावित होने लगा है। कहीं नदी-नाले उफान पर आ गए हैं तो कहीं भूस्खलन मुसीबत बन गया है। देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में वर्षा के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
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मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार आज देहरादून, नैनीताल, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। जबकि, अन्य क्षेत्रों में गरज के साथ तीव्र बौछारें पड़ने की संभावना है। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में बादलों के बरसने का क्रम तेज होने से दुश्वारियों का दौर भी शुरू हो गया है।
गुरुवार को भारी वर्षा के कारण पानी के साथ बहकर आया मलबा गबर बस्ती में घरों में घुस गया। इसके अलावा राजपुर रोड को सहस्रधारा रोड से जोड़ने वाले कई क्षेत्रों में जलभराव हुआ। रिस्पना नदी भी रातभर उफान पर रही। कई जगह नदी के किनारे भू-कटाव होने की भी सूचना है।
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