मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ईओडब्ल्यू ने बताया कि 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के मामले में वांछित आरोपी उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई के बेटे मनोहर अरुणाचलम (33) को गिरफ्तार किया है। मनोहर पर अपने पिता को भगाने में मदद करने का आरोप है, आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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इससे पहले मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 122 करोड़ गबन मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें बैंक के पूर्व जीएम हितेश मेहता, बिल्डर धर्मेश पौन और अभिमन्यु नामक शामिल हैं। 122 करोड़ गबन मामले में मनोहर की चौथी गिरफ्तारी है।
एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस)(आईपीसी) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच मुंबई की ईओडब्ल्यू कर रही है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरबीआई ने कहा था कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे।
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ईओडब्ल्यू के डीसीपी मंगेश शिंदे के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने मुंबई के दादर थाने में हितेश मेहता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। मेहता पर बैंक के 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।
घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपये का गबन किया। महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।
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