विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज एक बार फिर वार्ता होगी। गुरुवार 3 दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई थी, लेकिन आज की बैठक के लिए सहमति बनी थी। किसान संगठन कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इसके लिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई संकेत नहीं निकलकर आया है।
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इस बीच किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तेज कर दी है। किसानों ने शुक्रवार को सिंघु सीमा पर हुई महापंचायत के बाद 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर नए कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो भारत बंद होगा और देशभर के सभी टोल फ्री कर दिए जाएंगे।
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इसके अलावा आंदोलनकारी किसान आज देश भर में पीएम मोदी और कार्पोरेट के पुतले जलाएंगे। किसानों ने कहा है कि आज (शनिवार) की बैठक में अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और धार दे दी जाएगी। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनान मोल्लाह ने कहा, सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, जब तक सरकार किसानों की बात नहीं मानती आंदोलन जारी रहेगा।
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