नवगठित बिहार विधानसभा के पहले सत्र का आज आखिरी दिन जबरदस्त हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन में आज कुछ ऐसा हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ। सदन में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के हमलों से तिलमिलाए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया। विपक्ष के हमलों से आगबबूला नीतीश ने अपनी शालीन और मर्यादित छवि के उलट तेजस्वी पर जमकर पलटवार किया और यहां तक कह दिया कि पता होना चाहए कि इनके पिता को विधायक दल का नेता और इनको डिप्टी सीएम किसने बनाया था।
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सदन में तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि भाई जैसे दोस्त (लालू प्रसाद) का बेटा है, “इसीलिए उसको सुनते रहते हैं। नीतीश यहीं नहीं रुके और उन्होंने आगे कहा, जो बात ये बोल रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए। इसके खिलाफ कार्रवाई होगी, ये झूठ बोल रहा है। मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है, इसीलिए मैं इसको सुनता रहता हूं।”
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भयंकर रूप से भड़के नीतीश ने आगे कहा, “इसके पिता को विधायक दल का नेता किसने बनाया था? क्या पता है इसको उपमुख्यमंत्री किसने बनाया था? इसके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा तो हमने कहा कि जवाब दो, लेकिन जब जवाब नहीं दिया तो हम अलग हो गए। 2017 में क्यों नहीं स्थिति स्पष्ट किया था? हम कुछ नहीं बोलते हैं।” इसके बाद सदन के अंदर जमकर हंगामा मचने लगा, जिस कारण स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
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दरअसल, इससे पहले आज विधानसभा में राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा और उन पर आरोप लगाया कि वह 1991 में हुई एक हत्या के मामले में शामिल हैं। इसके अलावा तेजस्वी ने कंटेंट चोरी के मामले में नीतीश के ऊपर लगे 25 हजार रुपये के जुर्माने का भी जिक्र कर हमला बोला।
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तेजस्वी यहीं नहीं रुके और आगे उन्होंने चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश द्वारा किए गए हमले पर पलटवार करते हुए कहा, “नीतीश जी अपनी सभाओं में लालू के नौ बच्चों की बात करते थे। कहते थे बेटी पर भरोसा नहीं था, इसलिए बेटे के लिए नौ बच्चे पैदा किए। क्या नीतीश कुमार को लड़की पैदा होने का डर था, जो उन्होंने दूसरा बच्चा पैदा नहीं किया? मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बात से अवगत हैं कि मेरे माता-पिता की सबसे छोटी संतान एक लड़की है, जो दो बेटों के बाद पैदा हुई थी।”
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तेजस्वी के भाषण के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सीएम नीतीश का बचाव करते हुए कहा कि सीएम के ऊपर हत्या का जो मामला चल रहा था उसे सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया है और इस कारण इस मुद्दे को सदन में उठाना ठीक नहीं है। चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष से तेजस्वी के आरोपों को सदन की कार्यवाही से हटाने की भी मांग की, जिसे आसन ने स्वीकार कर लिया। लेकिन इस पर तेजस्वी फिर उठे और कहा कि उन्होंने जो आरोप लगाया है वह गलत नहीं है। इसी के बाद नीतीश ने अपना आपा खो दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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