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देश में कई जगहों पर दिखेगा आंशिक सूर्यग्रहण, जानें सूतक, ग्रहण का समय, गर्भवती महिलाएं गलती से न करें ये काम

भारतीय समयानुसार, ग्रहण का स्पर्श दिन में 4:29 बजे, मध्य 5:14 बजे और मोक्ष 5:42 बजे होगा। ग्रहण का कुल औसत समय 73 मिनट का होगा। सूर्य ग्रहण का समय देश के अलग अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है।

फोटो: Getty Images
फोटो: Getty Images 

आज साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ राज्यों को छोड़कर, भारत के अधिकांश राज्यों में सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। भारतीय समयानुसार, ग्रहण का स्पर्श दिन में 4:29 बजे, मध्य 5:14 बजे और मोक्ष 5:42 बजे होगा। ग्रहण का कुल औसत समय 73 मिनट का होगा। सूर्य ग्रहण का समय देश के अलग अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है।

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ग्रहण का सूतक

सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। इस सूर्यग्रहण का सूतक सुबह में 4 बजकर 29 मिनट से आरम्भ हो जाएगा जो कि सूर्यग्रहण ग्रहण के समाप्त होने तक रहेगा।

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इन जगहों पर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है, जो उत्तरी-पूर्वी अफ्रीका, यूरोप और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। यह भारत में नई दिल्ली, कोलकाता, बेंगलूरु, उज्जैन, चेन्नई, वाराणसी, मथुरा आदि में आंशिक तौर पर दिखाई देगा।

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गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी

  • मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान बिस्तर पर सीधा होकर लेट जाना चाहिए। जब तक ग्रहण पड़े तब तक करवट नहीं लेनी चाहिए।

  • गर्भवती महिलाओं को गलती से भी चाकू, छुरी जैसी धारदार चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन चीजों का उपयोग करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.

  • यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सिलाई-कढ़ाई या काटने-छीलने के काम से बचना चाहिए।

  • गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए और इस दौरान घर के भीतर रहना है उनके लिए बेहतर होता है।

  • कहा जाता है कि ग्रहण के समय में उत्सर्जित होने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए।

  • गर्भवती महिला को ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए जप करना चाहिए। इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करते रहना चाहिए।

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क्या होता है सूर्य ग्रहण?

पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। दूसरी ओर, चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है।

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