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प्रदर्शनकारी किसान नेताओं ने SKM से कहा- बिना किसी देरी के आंदोलन को समर्थन दें, उसे मजबूत करें

एसकेएम नेताओं ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकजुटता पर जोर दिया। एसकेएम 30 से अधिक किसान संगठनों का संयुक्त मंच है जिसने डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

फोटो: pti
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खनौरी और शंभू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की ‘‘बिगड़ती’’ सेहत के मद्देनजर बिना किसी देरी के उनके आंदोलन को समर्थन देने और मजबूत करने की अपील की।

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेताओं ने यह अपील एसकेएम की छह सदस्यीय समिति से की, जिसने शुक्रवार को खनौरी आंदोलन स्थल का दौरा किया।

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एसकेएम नेताओं ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकजुटता पर जोर दिया। एसकेएम 30 से अधिक किसान संगठनों का संयुक्त मंच है जिसने डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। डल्लेवाला का आमरण अनशन शुक्रवार को 46वें दिन में प्रवेश कर गया।

छह सदस्यीय समिति में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, रमिंदर सिंह पटियाला, जंगवीर सिंह और कृष्ण प्रसाद शामिल थे।

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एसकेएम नेताओं का खनौरी आंदोलन स्थल का दौरा मोगा में ‘किसान महापंचायत’ में एक ‘एकता प्रस्ताव’ पारित करने के एक दिन बाद हुआ, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया गया था।

छह सदस्यीय समिति ने केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकजुटता के लिए 15 जनवरी को पटियाला में एक बैठक के लिए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को आमंत्रित किया।

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता काका सिंह कोटड़ा ने शुक्रवार को खनौरी आंदोलन स्थल पर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने एसकेएम की छह सदस्यीय समिति का खनौरी सीमा पर आने पर स्वागत किया और कहा कि उन्होंने उन्हें 15 जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें बताया है कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक नहीं है। हमने उनसे (एसकेएम से) अपील की है कि अभी बैठकों का समय नहीं है। यह समय मोर्चा का समर्थन करने और उसे मजबूत करने का है।’’X

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एक अन्य किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि उन्होंने एसकेएम से इस लड़ाई को मजबूत करने की अपील की है।

उन्होंने कहा, ‘‘डल्लेवाल की हालत गंभीर है। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए हम सभी को बिना किसी देरी के आंदोलन को मजबूत करना चाहिए। अगर कोई मतभेद है तो उसे बाद में सुलझाया जा सकता है।’’

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले वर्ष 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है।

इससे पहले एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने पत्रकारों से बातचीत में केंद्र के खिलाफ लड़ाई में मतभेदों को अलग रखने का आह्वान किया। उन्होंने डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता व्यक्त की।

राजेवाल ने कहा, ‘‘हम यहां उन्हें एक पत्र देने आए हैं और इस आंदोलन को एकजुट होकर लड़ने और जीत दर्ज करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को रूपरेखा तय करने के लिए एक बैठक करेंगे।’’

राजेवाल ने कहा कि अब निरस्त किये जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने वाले सभी किसान संगठन इस आंदोलन को आगे ले जाएंगे और इसे जीतेंगे।

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इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खनौरी आंदोलन स्थल का दौरा किया और डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों की मांग वही है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे वादा किया था और यह वादा एमएसपी की गारंटी वाला कानून था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने डल्लेवाल जी को आश्वासन दिया है कि हम उनके साथ हैं और एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून हमारे लिए सर्वोपरि है।’’

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