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पंजाब में एक दिन में 43 कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप, ज्यादातर हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु

महाराष्ट्र के नांदेड़ साहब से लौटे श्रद्धालु पंजाब में कोरोना संक्रमित केस बढ़ने की बड़ी वजह हैं। फिलहाल लौटे 4000 श्रद्धालु में से आधे से ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं। यह महाराष्ट्र सरकार कीगलती है कि बगैर सही जांच के श्रद्धालुओं को रवाना कर दिया गया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

पंजाब में कोरोना वायरस का कहर बदस्तूर जारी है। राज्य में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 423 तक पहुंच चुका है, लेकिन इस बीच गुरुवार को राज्य में 43 नए पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कंप मच गया। इनमें से 23 अमृतसर, 7 तरनतारन और 11 मोहाली के हैं। अमृतसर और तरनतारन में वीरवार को मिले तमाम पॉजिटिव मरीज तख्त श्री हजूर साहब से लौटे श्रद्धालु हैं। मोहाली के भी 11 में से 10 वापस लौटे श्रद्धालु हैं।

इससे पहले बुधवार को ऐसा पहला दिन था, जब 36 नए मामले पाए गए थे और इनमें से 27 नांदेड़ साहब से लौटे श्रद्धालु थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र से पंजाब लौट रहे श्रद्धालु राज्य में कोरोना वायरस के फिर से तेजी के साथ फैलने की बड़ी वजह बन रहे हैं। फिलहाल अब तक 4000 श्रद्धालु लौट आए हैं और माना जा रहा है कि इनमें से आधे से ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं। इसे महाराष्ट्र सरकार और प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही माना जा रहा है कि उन्हें बगैर मुकम्मल जांच के पंजाब रवाना कर दिया गया।

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पंजाब में भी लौटने पर पहले उन्हें आइसोलेशन वार्डों में रखने की बजाय स्क्रीनिंग करके घर भेज दिया गया। बाद में स्वास्थ्य विभाग को अपनी लापरवाही का एहसास हुआ तो अब उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है। जबकि इस बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही निर्देश दे दिए थे कि दूसरे राज्यों से आने वाले हर शख्स के लिए 15 दिन का एकांतवास अनिवार्य होगा।

पहले बड़े पैमाने पर एनआरआई और तबलीगी जमात के लोगों को पंजाब में फैले कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और अब श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु भी उसी श्रेणी में शुमार हो गए हैं। कई सांप्रदायिकत शक्तियों ने तबलीगी जमात के लोगों की एक लापरवाही को बकायदा सांप्रदायिक रंग दे दिया और एक पूरे समाज के खिलाफ नफरत को हवा दे दी।

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इसका जबरदस्त नुकसान पंजाब में दूध आदि का कारोबार करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को उठाना पड़ा था। हालांकि तबलीग से जुड़े लगभग तमाम कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो गए हैं। राज्य में अभी तक वायरस से जितनी मौतें हुई हैं, उनमें से एक का भी तबलीगी जमात से ताल्लुक नहीं है। जिन्होंने तबलीगियों के नाम पर संक्रमण को सांप्रदायिक रंग देकर हल्ला मचाया था, वे अब खामोश हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू कहते हैं, “बीमारी का कोई मजहब नहीं होता। तबलीगी जमात के लोग जानबूझकर बीमार नहीं हुए थे और न ही उनकी मंशा यहां बीमारी फैलाने की थी। तब जो हुआ वह लापरवाही के चलते हुआ। अब महाराष्ट्र के नांदेड साहब से लौट रहे श्रद्धालुओं में कोरोना वायरस पाया जा रहा है तो यह महाराष्ट्र सरकर और वहां के स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की लापरवाही ही नहीं एक बड़ी गलती है। इन श्रद्धालुओं को बगैर गहन जांच के भेज दिया गया और अब इस लापरवाही का खामियाजा पंजाब भुगत रहा है। आने वाले दिनों में नांदेड़ से लौटे लोगों में बड़े पैमाने पर पॉजिटिव मिलेंगे। हम इसके लिए तैयार भी हैं।”

गौरतलब है कि पंजाब में फिलहाल लगभग 4000 संदिग्धों की कोरोना जांच-रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। इनमें से ज्यादातर हजूर साहब से लौटे श्रद्धालु हैं। लंबित जांच की संख्या में दो दिनों में ही जबरदस्त इजाफा हुआ है। ऐसे में पूरी आशंका है कि राज्य में अभी कोरोना पॉजिटिव की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

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