सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवासों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पद को छोड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भी आम नागरिक हैं, इसलिए उन्हें सरकारी आवास का सुविधा उम्र भर नहीं होनी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सीएम कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव को अपने-अपने सरकारी बंगले खाली करने होंगे।
उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला दिए जाने के नियम को लोकप्रहरी नाम के एनजीओ ने चुनौती दी थी। एनजीओ ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंस एंड अदर फैसिलिटीज एक्ट 1981 का हवाला दिया गया था। इस एक्ट के सेक्शन 4 में कहा गया है कि मंत्री और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए एक निशुल्क सरकारी आवास ले सकते हैं, लेकिन जैसे ही वह पद छोड़ेंगे 15 दिन के भीतर उन्हें सरकारी मकान खाली करना होगा।
मामले में अपना पक्ष रखते हुए राज्य सरकार का कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को कुछ विशेषाधिकार होने चाहिए, क्योंकि वो ऊंचे संवैधानिक पद पर होते हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्रियों को पद छोड़ने के बाद सरकारी आवास देने के लिए राज्य सरकार ने नई नीति बनाई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में इस नियम अवैध बताते हुए खारिज कर दिया था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये किसी एक राज्य का मामला नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है।
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