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बिहार चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने मांगी अंतरिम जमानत, दिल्ली की अदालत मंगलवार को करेगी सुनवाई

शरजील ने बिहार की बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की बात कही है। उन्होंने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत की अपील की है ताकि वह अपने चुनाव प्रचार और नामांकन प्रक्रिया में भाग ले सकें।

बिहार चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने मांगी अंतरिम जमानत, दिल्ली की अदालत मंगलवार को करेगी सुनवाई
बिहार चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने मांगी अंतरिम जमानत, दिल्ली की अदालत मंगलवार को करेगी सुनवाई फोटोः सोशल मीडिया

दिल्ली दंगे के आरोपी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अदालत से अंतरिम जमानत मांगी है। शरजील ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है।

याचिका में कहा गया है कि शरजील इमाम बिहार की बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत देने की अपील की है ताकि वह अपने चुनाव प्रचार और नामांकन प्रक्रिया में भाग ले सकें। इमाम ने कोर्ट को यह भी बताया कि वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं हैं।

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शरजील की इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है। अदालत इस बात पर विचार करेगी कि क्या उन्हें चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अस्थायी राहत दी जा सकती है या नहीं। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।

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उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस का आरोप था कि यह हिंसा एक पूर्व-नियोजित साजिश थी, जिसे सीएए के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के दौरान अंजाम दिया गया था।

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इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम को 28 जनवरी, 2020 को बिहार के जहानाबाद से जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से हिरासत में हैं और बाद में दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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