देशभर में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पूरे देश के दिहाड़ी मजदूरों में इस बात की बेचैनी है कि अगले एक-दो महीने तक उन्हें रोटी का निवाला कैसे मिलेगा। वहीं दिल्ली में लॉकडाउन के बीच काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर का दर्द छलका है। उन्होंने कहा, “हम लोग गरीब हैं, चार-पांच बच्चे हैं। हमें न तो मजदूरी मिल रही है न खाना मिल रहा है न पानी। हमारी मदद कीजिए। गाड़ी भिजवा दें तो घर चले जाएंगे। एक मजदूर ने कहा कि हम लोग कोरोना वायरस की बीमारी से पहले भूख से मर जाएंगे।”
Published: undefined
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है।वित्त मंत्री ने कहा कि 24-25 की रात को देश में लॉकडाउन शुरू किया गया है। सरकार इससे प्रभावितों और गरीबों की मदद के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत किसी गरीब को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। अभी गरीबों को 5 किलो गेहूं या चावल हर महीने प्रति व्यक्ति मिलता है इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक 5 किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त गेहूं या चावल दिया जाएगा। एक किलो प्रति परिवार दाल भी दिया जाएगा।
Published: undefined
इससे पहले ये भी खबर आई कि कुछ दिहाड़ी मजदूर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर अपने घर पैदल जाते हुए दिखाई दिए। लॉकडाउन की वजह ट्रेन और बस सेवा बंद है। अपने घर पैदल जाते हुए एक मजदूर ने कहा कि 250-300 किलोमीटर दूर मेरा गांव है, वहां जा रहा हूं। मजदूर ने कहा कि अगर साधन मिला तो उससे जाएंगे, नहीं तो पैदल ही चले जाएंगे। बता दें कि इस बात के संकेत कई दिनों पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दिए थे। दोनों ही नेताओं ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए पीएम मोदी से आर्थिक पैकेज की मांग की थी। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में मजदूरों की रोजी-रोटी को लेकर चिंता जाहिर की थी।
इसे भी पढ़ें: कोरोना लॉकडाउन: दिहाड़ी मजदूरों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, काम बंद, सैकड़ों किलोमीटर के सफर पर घर पैदल ही निकले
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined