मनरेगा एवं माइनिंग घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आरोपी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल ने अदालत से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद बुधवार को ईडी कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। यह तीसरी बार है, जब वह इस मामले में जेल भेजी गई हैं। सिंघल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसपर कल यानी गुरुवार को सुनवाई होनी है।
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फरवरी 2023 में उनकी बेटी के मेडिकल ग्राउंड पर दो महीने के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। इसके पहले भी बीते 4 जनवरी को कोर्ट ने इसी आधार पर उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की थी। इस दौरान उन्हें झारखंड से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में पूजा सिंघल पर पीएमएलए कोर्ट में बीते दिनों आरोप तय कर दिए गए हैं और उनके खिलाफ ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। ईडी की ओर से पूजा सिंघल समेत अन्य के खिलाफ दाखिल की गई गई चार्जशीट में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक आए थे।
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ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ। उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थीं।
ईडी ने पिछले साल 6 मई को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास, उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे। इसके बाद 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था।
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