आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अचानक विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा अत्यंत ही संदेहास्पद और चिंताजनक है। निर्वाचन आयोग ने आदेश दिया है कि सभी वर्तमान मतदाता सूची को रद्द करते हुए हर नागरिक को अपने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए नए सिरे से आवेदन देना होगा, भले ही उनका नाम पहले से ही सूची में क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि बीजेपी-RSS और NDA संविधान और लोकतंत्र को कमजोर क्यों करना चाह रही है? हमने बीजेपी की कठपुतली चुनाव आयोग से कुछ सवाल पूछे है। जरुर पढ़िए और लोगों को भी बताइए।
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महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग जानबूझकर गरीब, मजदूर और दलित तबके के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया है और कहा है कि इससे लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।
शुक्रवार को महागठबंधन ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और चुनाव आयोग पर मिलकर काम करने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आठ करोड़ वोटरों की मौजूदा सूची को हटाकर एक नई लिस्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर चुनाव से ठीक पहले ऐसी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है? उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी को अपनी हार का डर सता रहा है इसलिए गरीब और वंचित वर्ग के मतों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
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