तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार से पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने वाले बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी दिलाने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इन बिलों को लटका रही है। रेवंत रेड्डी के साथ बड़ी संख्या में तेलंगाना कांग्रेस के कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन में तेलंगाना के कई कांग्रेस विधायक, सांसद और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।
गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा ने इसी साल मार्च में दो अहम बिल पास किए थे, जिनमें पिछड़े वर्गों (बीसी) को शिक्षा, नौकरियों और स्थानीय निकायों में 42 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। विधानसभा से बिल पास होने के बाद इन्हें राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है, लेकिन अब तक राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है।
इस मुद्दे पर रेवंत रेड्डी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है, लेकिन अब तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह राष्ट्रपति पर दबाव बना रहे हैं कि तेलंगाना के लोगों से मुलाकात न हो।" रेवंत रेड्डी ने मांग की है कि सामाजिक रूप से जरूरी इन बिलों को और देर न की जाए। उन्होंने कहा कि ये आरक्षण गरीब और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए बेहद जरूरी हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर कहा कि तेलंगाना सरकार ने आरक्षण का बिल पास किया है जिसे सामाजिक न्याय की दृष्टि से पास किया जाना चाहिए। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि "मोदी सरकार का "सबका साथ, सबका विकास" खोखला है, क्योंकि वो इस Bill के और वंचितों के अधिकारों के बीच दीवार बनने पर उतारू है।"
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प्रदर्शन में शामिल तेलंगाना के डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि यह मामला ओबीसी समाज से जुड़ा है। हमारी सरकार ने विधानसभा में यह बिल पास किया है और इसे राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अब हम राष्ट्रपति से अपील कर रहे हैं कि वे इसे जल्द मंजूरी दें, ताकि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और शिक्षा के क्षेत्र में इस कानून को लागू किया जा सके। उन्होंने बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री, कांग्रेस विधायक और कई नेता इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली आए हैं। उनका मकसद ओबीसी समाज को न्याय दिलाना है।
इस प्रदर्शन में INDIA ब्लॉक के अन्य नेताओं ने भी हिस्सा लिया। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने एक एक्स पोस्ट में कहा कि, "तेलंगाना सरकार द्वारा विधानसभा में पास इन िलों से पिछड़े तबकों का उत्थान होगा। ये बिल संविधान के सामाजिक न्याय के रुख पर आधारित हैं और राज्य में हुई जाति जनगणना के बाद तैयार किए गए हैं।" राहुल गांधी ने इस प्रदर्शन में इंडिया ब्लॉक के नेताओं के शामिल होने पर उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता और प्रगति में वंचित तबकों को उनका हक दिलाने के लिए यह साझा संघर्ष है जो जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि महामहिम राष्ट्रपति इस मामले को समझेंगी।
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इस प्रदर्शन के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंची डीएमके नेता और सांसद कनिमोझी ने कहा कि वे इन बिलों का समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि, "तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है। हम सदियों से हो रही गलतियों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। हम आज तेलंगाना सरकार के पक्ष में खड़े हैं। न्याय की कोई सीमा नहीं होती है। कोई नहीं कह सकता कि 50 फीसदी की सीमा होती है। हमें हर हाल में इंसाफ चाहिए...।"
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इसके साथ ही कांग्रेस नेता विजयशांति ने कहा कि हम वर्षों से ओबीसी आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं। जैसे सोनिया गांधी ने तेलंगाना बनाया था, वैसे ही हम 42% आरक्षण भी लेकर रहेंगे। वहीं बिहार के सांसद पप्पू यादव ने भी रेवंत रेड्डी की तारीफ करते हुए कहा कि अगर देश में कोई क्रांति शुरू होती है, तो वह दक्षिण भारत से शुरू होती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश भर में पदयात्रा की, जो कोई और नहीं कर सकता। तो तमिलनाडु की कांग्रेस नेता ज्योथिमणि ने कहा कि तमिलनाडु में पहले से ही 50% से ज्यादा आरक्षण है और अब तेलंगाना भी उसी रास्ते पर है।
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