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जुबिन की मौत की गुत्थी एक महीने बाद भी नहीं सुलझी, 19 सितंबर को सिंगापुर में हुई थी मौत, फैंस अब भी सदमें में

जुबिन की पत्नी गरिमा ने कहा कि परिवार और राज्य के लोग यह जानना चाहते हैं कि उनके अंतिम क्षणों में क्या हुआ था। उन्होंने कानूनी व्यवस्था पर विश्वास जताया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

असम के जाने-माने गायक एवं गीतकार जुबिन गर्ग की मृत्यु के एक महीना बीतने पर रविवार को उनके परिवार के सदस्यों एवं बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। गायक की मौत के एक महीने बाद भी उनकी मौत की गुत्थी सुलझी नहीं है। जुबिन की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में डूबने से मौत हो गई थी।

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जुबिन की पत्नी गरिमा ने कहा कि परिवार और राज्य के लोग यह जानना चाहते हैं कि उनके अंतिम क्षणों में क्या हुआ था। उन्होंने कानूनी व्यवस्था पर विश्वास जताया।

गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में जुबिन के अंतिम संस्कार स्थल पर रविवार सुबह से ही सैकड़ों लोग अपने प्रिय गायक-संगीतकार को श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं। जुबिन के प्रशंसक और दोस्त भी शहर के काहिलीपारा इलाके में स्थित उनके आवास और चिड़ियाघर मार्ग वाले इलाके में स्थित उनके स्टूडियो में पहुंचे।

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राज्य पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ​​का 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) जुबिन की मौत के मामले की जांच कर रहा है। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सिंगापुर पुलिस भी जांच कर रही है और असम के एसआईटी अधिकारी अपनी जांच के तहत दक्षिण-पूर्व एशियाई देश जाने वाले हैं।

जुबिन की मौत हुए एक महीना होने पर परिवार ने उनके स्टूडियो में वैदिक अनुष्ठान आयोजित किया जिसमें उनके पिता, पत्नी, बहन और अन्य लोग शामिल हुए।

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गरिमा ने स्टूडियो के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘यह स्टूडियो उन्हें बहुत प्रिय था। चूंकि शुरुआती अनुष्ठान हमारे निवास और जोरहाट में किए गए थे, इसलिए (जुबिन की मौत के) एक महीना पूरा होने पर हमने वैदिक अनुष्ठान यहां करने का फैसला किया।’’

जुबिन की मौत की पुलिस जांच को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें जांच पर भरोसा है। अगर अपनी कानून व्यवस्था पर नहीं, तो हम किस पर भरोसा करें? जुबिन एक स्पष्टवादी व्यक्ति थे और हम स्पष्ट जांच चाहते हैं।’’

गरिमा ने कहा, ‘‘हम सब शांति से इंतजार कर रहे हैं कि क्या हुआ था। असम के लोग यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि उनके अंतिम क्षणों में क्या हुआ था।’’

इतालवी ओपेरा गायिका जियोकोंडा वेस्चेली भी जुबिन को श्रद्धांजलि देने गुवाहाटी पहुंचीं। जुबिन ने अपनी एक फिल्म के लिए वेस्चेली के साथ काम किया था। यह फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है।

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गरिमा के साथ मौजूद वेस्चेली ने कहा, ‘‘जुबिन दा कहते थे कि वह (गरिमा) उनकी शेरनी हैं, जो अच्छे और बुरे समय में उनके साथ खड़ी रहीं। वह सही थे।’’ प्रशंसकों ने जुबिन को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘जोई जुबिन’ और ‘जुबिन के लिए न्याय’ जैसे नारे लगाए।

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