हालात

समाजवादी परिवार के लिए पार्टी खत्म, क्या बीएसपी के साथ गठबंधन करना पड़ा महंगा? 

समाजवादी पार्टी के तीन सदस्यों (डिंपल यादव, धमेंद्र यादव और अक्षय यादव) की हार शायद हाल के दिनों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सबसे बड़ा झटका है। 

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

यूपी में समजावादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी गठबंधन कर जिस जातीय समीकरण को साधने की कोशिश में थे उसमें औंधे मुंह गिरे हैं। इसके अलावा समाजवादी परिवार अपने सीट को बचाने में भी नाकाम दिखी। इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को महज 5 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीएसपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की है।

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

समाजवादी पार्टी के 5 सीटों की बात करे तो इसमें मुलायम परिवार से सिर्फ दो लोगों ने ही जीत दर्ज की है। एक खुद मुलायम सिंह यादव और दूसरा अखिलेश यादव। समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार के तीन सदस्यों- डिंपल यादव, धमेंद्र यादव और अक्षय यादव की हार हुई है। नतीजे सामने आने के बाद डिंपल यादव कन्नौज में हार गईं, धमेंद्र यादव बदायूं में हार गए और अक्षय यादव फिरोजाबाद में हार गए। ये तीनों 16वीं लोकसभा में सांसद थे। शायद हाल के दिनों में समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सबसे बड़ा झटका है।

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

समाजवादी पार्टी के बाकी तीन उम्मदीवारों ने जीत दर्ज की है। जिनमें रामपुर से उम्मीदवार आजम खान, संभल से शफीकुर्रहमान बर्क और मुरादाबाद से एसटी हसन है। परिवार के बाहर ये सभी तीन उम्मीदवार मुस्लिम हैं।

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

नतीजों से यह साफ हो गया है कि समाजवादी पार्टी ने इन सीटों पर बीएसपी को अपने वोट स्थानांतरित किए हैं, लेकिन बीएसपी का वोट समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को स्थानांतरित नहीं हुआ। बीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ खुद को पुनर्जीवित करने में कामयाब रही। साल 2014 में जिस पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती थी, उसने इस बार दस सीटें जीती हैं। अंबेडकर नगर, अमरोहा, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज, नगीना, सहारनपुर, बिजनौर और श्रावस्ती में पार्टी ने जीत हासिल की है। वहीं समाजवादी पार्टी को पार्टी के तीन बड़े सदस्यों की सीट गवानी पड़ी है।

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

नाम न बताने की शर्त पर समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह गठबंधन एक भयंकर गलती साबित हुई और यह जमीनी स्तर तक कम नहीं हुआ है। साल 2014 के मोदी लहर में हमने अपनी जमीन बनाई थी, लेकिन इस बार अच्छा महसूस करने के लिए कुछ भी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए हैं और अब जल्द ही बीएसपी के साथ गठबंधन के फैसले के खिलाफ आलोचना शुरु हो जाएगी जिसने इस गठबंधन का लाभ उठाया है।”

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

बता दें कि साल 2014 में पार्टी ने परिवार के भीतर पांच सीटों पर जीत हासिल की थी और पिछले साल आठ सीटों तक की बढ़त हासिल की थी जब गोरखपुर, फूलपुर और कैराना के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को जीत हासिल हुई थी।

Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

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Published: 24 May 2019, 6:10 PM IST

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