हालात

नागालैंड गोलीबारी के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने सरकार को घेरा, कहा- 'पीड़ा व्यक्त कर पीछा नहीं छुड़ा सकते'

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नगालैंड में हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि "यह अत्यंत गंभीर घटना है और गृह मंत्री को इस पर सदन में बयान देना चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके नहीं छुड़ा सकते।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

संसद में आज विपक्षी दलों ने भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले में गोलीबारी में 14 नागरिकों और एक सैनिक की मौत के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया। राज्यसभा में एकजुट विपक्ष ने कहा कि गृह मंत्री सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके पीछा नहीं छुड़ा सकते।

इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने संसद परिसर में एक बैठक भी की। जिसमें करीब 16 दलों की ओर से दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने की सहमति बनी। इसके साथ ही आरजेडी सांसद मनोज झा और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और गौरव गोगोई ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

Published: undefined

वहीं विपक्षी दलों की बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नगालैंड में हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि "यह अत्यंत गंभीर घटना है और गृह मंत्री को इस पर सदन में बयान देना चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके नहीं छुड़ा सकते। मोदी सरकार के शासन में, उत्तर-पूर्व में उथल-पुथल में वृद्धि देखी गई है। केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों को न्याय मिले।"

Published: undefined

वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मसले पर एक ईमानदार और खुली जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार को संसद में इस घटनाक्रम पर बयान देना चाहिए। यह दुखद और खेदजनक है। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। लोकतंत्र में यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल से हमने (यूपीए सरकार ने) इस क्षेत्र में शांति बहाल की है। मुझे उम्मीद है कि सेना द्वारा आश्वासन के अनुसार उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी।

वहीं, इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर कहा, "नागालैंड की घटना दिल दहला देने वाली है। केंद्र सरकार को इस मसले पर जवाब देना चाहिए। देश में न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित हैं? फिर गृह मंत्रालय क्या कर रहा है?

Published: undefined

दूसरी ओर इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार को घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले। इसके अलावा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 14 नागरिकों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजे और न्याय की मांग की। इसके बाद विपक्ष के इस मामले पर हंगामे के बाद राज्यसभा को दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

Published: undefined

गौरतलब है कि नागालैंड सरकार ने रविवार को मोन जिले में मारे गए 14 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का एलान किया है। साथ ही सरकार ने घटना की जांच के लिए पुलिस महानिनिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की भी घोषणा की है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined