
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों एक सरकारी कार्यक्रम में जिस महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब खींचकर हटाया था, उन्होंने बिहार छोड़ दिया है। वो अब कोलकाता में अपने परिवार के पास चली गई हैं। 15 दिसंबर को ये घटना हुई, इसके अगले दिन ही नुसरत कोलकाता में अपने परिवार के पास चली गईं। फिलहाल वो बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करेंगी। परिवार नुसरत को समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वो वापस बिहार आकर नौकरी जॉइन करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, नुसरत के परिवार के बेहद करीबी और सीनियर पत्रकार शहनवाज अख्तर ने बताया कि घटना के बाद से नुसरत परवीन सदमे में हैं। परिवार लगातार उन्हें समझा रहा है, लेकिन वो समझने को तैयार नहीं हैं। परिवार ने बिहार लौटने और नौकरी जॉइन करने का फैसला अब नुसरत पर ही छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि 15 दिसबंर को नुसरत ने अपने भाई को सबसे पहले फोन कर घटना की जानकारी दी थी। फोन के दौरान वो भावुक थीं। भाई ने कोलकाता आने को कहा, इसके बाद वो अगले दिन कोलकाता आ गईं।
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वहीं, नुसरत का कहना है कि मैं ये नहीं कह रही कि मुख्यमंत्री नीतीश ने जो किया वो जानबूझकर किया, लेकिन जो हुआ वो मुझे अच्छा नहीं लगा। वहां बहुत सारे लोग थे। कुछ तो हंस रहे थे। एक लड़की होने के नाते वो मेरे लिए अपमान जैसा था। मैंने स्कूल से लेकर कॉलेज तक हिजाब में ही रहकर पढ़ाई की। घर हो, मार्केट हो या मॉल हर जगह मैं हिजाब पहनकर गई। कभी ऐसा नहीं हुआ। अब्बू-अम्मी ने भी घर में हमेशा यही सिखाया। हिजाब हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
नुसरत ने सवाल करते हुए पूछा, मेरी गलती क्या है मुझे ये समझ नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री ने गलत किया, मैं ये भी नहीं कह रही, लेकिन अभी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। मन शांत नहीं है। वो दिन याद कर के सहम जाती हूं। मैं आगे क्या करूंगी, ये अभी कुछ पता नहीं है। पटना में मेरे साथियों ने भी मुझे काफी समझाया था। वो मुझे रुकने के लिए बोल रहे थे, लेकिन मुझे अब वहां अच्छा नहीं लग रहा है।
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नुसरत ने आगे कहा, अब भी कई साथियों के फोन आ रहे हैं और वो मुझे बुला रहे हैं, लेकिन मेरे अंदर हिम्मत नहीं है। बड़ी मेहनत से यहां तक पहुंची थी। सोचा था सरकारी नौकरी मिल जाएगी तो अब्बू-अम्मी की मदद करूंगी। भाई के कंधे से कंधा मिलाकर घर की सभी जिम्मेदारियों में हाथ बटाऊंगी। हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग थे जो कहते थे बेटी को क्या इतना पढ़ाना। इसे हिजाब में रखो नहीं तो हाथ से निकल जाएगी, लेकिन सभी की बातों को दरकिनार कर अम्मी-अब्बू ने मुझे पढ़ाया था।
नुसरत ने कहा कि कल ही रात मेरी अब्बू से बात हुई थी। वो कह रहे हैं बेटा इतना मत सोचो जो तुम्हारा मन कहे वही करो। भाई का भी यही कहना है। मेरा परिवार मेरे साथ खड़ा है। मेरे लिए यही बहुत बड़ी बात है। आगे मैं क्या करूंगी कुछ कह नहीं सकती। हां, लेकिन 15 दिसंबर को जो हुआ वह ठीक नहीं हुआ। हालांकि परिवार उन्हें समझाकर जॉइनिंग के लिए पटना लाने की तैयारी में है।
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नुसरत के भाई ने बताया कि मैं और परिवार के लोग उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें बता रहे हैं कि गलती दूसरे की है, तो उन्हें बुरा क्यों लगना चाहिए। किसी और की वजह से नौकरी क्यों छोड़नी चाहिए। वो अभी मेंटल ट्रॉमा में चल रही हैं। नुसरत परवीन को 20 दिसंबर को नौकरी जॉइन करनी है।
दरअसल, सोमवार को सीएम नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला डॉक्टर नुसरत को पहले तो नियुक्ति पत्र दे दिया। इसके बाद उसे देखने लगे। महिला भी मुख्यमंत्री को देखकर मुस्कुराई। इसके बाद नीतीश ने हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ये क्या है जी। महिला ने जवाब दिया, हिजाब है सर। नीतीश ने कहा कि हटाइए इसे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से महिला का हिजाब हटा दिया।
इस दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने के प्रयास में उनकी आस्तीन खींचते हुए नजर आए। हिजाब हटाने से महिला थोड़ी देर के लिए असहज हो गई। आसपास मौजूद लोग हंसने लगे। फिर कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने जल्दी से महिला को नियुक्ति पत्र थमाया और जाने का इशारा किया। महिला फिर वहां से चली गई।
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इस घटना को लेकर विवाद बढ़ने पर नीतीश के कार्यक्रम में मीडिया की एंट्री बैन कर दी गई है।सीएम नीतीश कुमार बुधवार को गयाजी में बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) की ओर से आयोजित 2 दिवसीय कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे। उद्घाटन के बाद संवाद वाटिका, नक्षत्र वन, ब्रह्म योनि सरोवर का पुनर्जीवन, उन्नत पुस्तकालय, मोटर ड्राइविंग स्कूल और नव-स्थापित स्पेस गैलरी का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में मीडिया की एंट्री बैन कर दी गई थी। मंगलवार को भी ऊर्जा विभाग में नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान मीडिया की एंट्री बैन कर दी गई थी। सीएम के इस कार्यक्रम को जेडीयू के पेज से भी लाइव नहीं किया गया।
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