तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण करने वाला बताते हुए बुधवार को दावा किया कि संसद को इस संबंध में कानून पारित करने का कोई अधिकार नहीं है।
विधेयक पर सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए बनर्जी ने कहा कि मुसलमानों को अपनी संपत्ति का अधिकार है और वक्फ संपत्ति मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है।
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उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे कानून पारित करने का अधिकार केवल राज्यों का है और यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है। तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान संसद को ऐसे विधेयक लाने का अधिकार नहीं देते।
उन्होंने कहा कि इस तरह से संसद के माध्यम से राज्य विधायिका के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता।
बनर्जी ने यह भी कहा कि प्रस्तावित विधेयक कानून के उन भलीभांति स्थापित सिद्धांतों को खारिज करता है जिन्हें उच्चतम न्यायालय और अन्य न्यायालयों ने विभिन्न मामलों में निर्धारित किया है।
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उन्होंने कहा कि सरकार को यह पूछने का अधिकार किसने दिया कि कोई अपनी धार्मिक जिम्मेदारी अदा कर रहा है या नहीं।
बनर्जी ने वक्फ संशोधन विधेयक में पांच साल तक इस्लाम के अनुसरण के बाद ही वक्फ बनाने संबंधी प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैं कभी भी हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध में से किसी भी संस्था को अपनी संपत्ति दान में दे सकता हूं।’’
उन्होंने कहा कि अगर लंबित मामलों को इस विधेयक को लाने का आधार बताया गया है तो उच्चतम न्यायालय और अन्य अदालतों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं।
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