
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। कई इलाकों में AQI का स्तर रिकॉर्ड 500 के पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, पंजाबी बाग, पूसा, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, अलीपुर, नरेला, नेहरू नगर और प्रतापगंज जैसे इलाकों में AQI का स्तर 500 पहुंच गया है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू ने ऑनलाइन क्लास की घोषणा कर दी है। राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है। अब एमसीडी के दफ्तरों में सुबह 8:30 से लेकर शाम 5:00 बजे तक काम होगा। दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम के 6:30 तक काम करेंगे।
राजधानी में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बरकरार रहने की वजह से कई इलाकों में धुंध छाई है। विजिबिलिटी घटने से कई उड़ानें प्रभावित हुई है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे फेज को लागू कर दिया गया है। साथ ही 9वीं तक के स्कूलों की ऑनलाइन क्लास चलाने को कहा गया है और 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए मास्क जरूरी कर दिया गया है।
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हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, टेली कम्युनिकेशन जैसे पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए भी कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट गतिविधियों पर प्रतिबंध है।
दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद (सिर्फ जरूरी सामान ले जाने वाले/जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों को छोड़कर), सिर्फ एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएस-VI डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत है।
ईवीएस/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड लाइट कमर्शियल व्हीकल (जरूरी सामान या सर्विस में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को छोड़कर) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं।
दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-IV और उससे नीचे के डीजल से चलने वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) और हैवी गुड्स व्हीकल (एचजीवीएस) के चलने पर प्रतिबंध है हालांकि, इससे जरूरी सामान या सर्विस में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को छूट दी गई है।
NCR की राज्य सरकारें और GNCTD क्लास-VI, IX और कक्षा XI तक की फिजिकल क्लासेस बंद करने और ऑनलाइन मोड में क्लास लगाने का फैसला ले सकती हैं।
एनसीआर की राज्य सरकारें/GNCTD सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर फैसला लिया जा सकता है।
केंद्र सरकार के दफ्तरों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर फैसला लिया जा सकता है।
राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं। जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, गैर-आपातकालीन कमर्शियल एक्टिविटी को बंद करना, रिजस्टर्ड संख्या के आधार पर वाहनों को ऑड-ईवन के आधार पर चलाने की अनुमति देना।
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